देहरादून, 21-जून को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के शिष्टमंडल को उत्तराखण्ड सरकार की ओर से वार्ता हेतु न्योता दिया गया। गत रविवार को ही राज्य आंदोलनकारी मंच की सरकार की सुस्ती से नाराज होकर बैठक बुलाई गई थी।
मुख्यमन्त्री आवास से राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष को दूरभाष पर 11-30 बजे वार्ता हेतु न्योता दिया। राज्य आंदोलनकारी मंच द्बारा माननीय मुख्यमंत्री से सभी मुद्दों पर बिन्दुवार चर्चा की गई। जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि सर्वप्रथम मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों की सही पैरवी हेतु एक अधिवक्ताओं का पैनल हो या फिर राज्य आंदोलनकारी मंच जो कोर्ट में पैरोकारी हेतु आर्थिक सहयोग करें साथ ही हमारे राज्य आंदोलनकारी परिवार को आप 10% शिथिलीकरण (क्षैतिज आरक्षण) की सुविधा प्रदान करें साथ ही जो चिन्हीकरण के लम्बित मामले है़ पुनः वयवस्था प्रारम्भ की जाय। राज्य आन्दोलनकारियो की एक समान पेंशन कर वृद्धि की जाय एंव आश्रितो का शासनादेश शीघ्र जारी किया जाय।
खटीमा के साथ पौड़ी और बागेश्वर के चिन्हित आन्दोलनकारियो की सूची को तत्काल जारी कर सभी सुविधाएं प्रदान की जाय।
प्रदीप कुकरेती ने कहा कि पिछले 06-वर्षो से हमारा एक्ट की फाइल राजभवन ने दबाकर रखी हुई है़ और हमारे नौजवान उम्रदराज हो गये। साथ ही समूह ग में रोजगार कार्यालय की अनिवार्यता की जाय जिससे उत्तराखण्ड के बेरोजगारो को अवसर मिले।
वेद प्रकाश शर्मा ने मुख्यमन्त्री से मांग की कि सम्मान परिषद का शीघ्र गठन किया जाय एंव चिन्हीकरण कमेटी व पेंशन पट्टा जारी किया जाय। चंद्रप्रकाश ने कहा कि परिसीमन भविष्य में क्षेत्रफल के आधार पर हो और लोकायुक्त का गठन करें साथ ही स्थाई राजधानी गैरसैण अविलंब घोषित हो।
अन्त में माननीय मुख्यमंत्री जी से ऋषिकेश में क्षतिग्रस्त हुए शहीद स्मारक हेतु इन्द्रमणी बडोनी हाल के शीघ्र हस्तांतरण के शासनादेश जारी कर दिया जाय जिससे इन्द्रमणी जी की प्रतिमा को पुनः स्थापित कर आगामी एक सितंबर खटीमा दिवस पर श्रद्धांजली सभा की जा सके।
वार्ता के अन्त में मुख्यमंत्री द्बारा सकरात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि हम राज्य आन्दोलनकारियो के लिए अवश्य कुछ करेंगे इस कोरोना महामारी की वजह से कुछ देरी जरूर हुई है़। वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा व चन्द्र किरण मौजूद रहें।