देहरादून, 16 अगस्त : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। उधर बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता रहा था। दशकों की लंबी मांग के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य के रूप में वजूद में आ पाया तो उसमें सबसे निर्णायक भूमिका अटल जी की थी। राज्य गठन के अलावा प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे से भी नवाजा था।

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है, लेकिन उनकी अपनी ही पार्टी के लोग उन्हें भूल गए हैं। वाजपेयी की जन्मस्थली ग्वालियर में बीजेपी का कोई नेता-कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा। जिस बीजेपी को वाजपेयी ने खड़ा किया और सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया, उसके नेताओं की यह बेरुखी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवारवालों को खल रही है। वाजपेयी की भतीजी कांति मिश्रा ने इस पर दुख जताया है।

पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर जहाँ की जनता एक लंबा आंदोलन चलाया था। जिसमें 42 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति भी इसमें होम करी थी । साल 1996 में अपने देहरादून दौरे के दौरान अटल जी ने राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करने का भरोसा दिया था। वाजपेयी ने इस भरोसे को कायम भी रखा और उनके प्रधानमंत्रित्वकाल में ही उत्तराखंड पृथक राज्बय के रूप में सामने आया। साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तो नैनीताल आए थे। उस समय राज्य की पहली निर्वाचित सरकार नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में थी। मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के अनुरोध पर अटल जी ने उत्तराखंड के लिए दस साल के विशेष औद्योगिक पैकेज की घोषणा कर के नए-नवेले राज्य को खुद के पैरों पर खड़ा होने का मौका दिया था।

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