गली-मोहल्ले और बाजारों में पानी ही पानी सड़कें बनी नदियां, फंसे वाहन, लगा जाम
देहरादून, 5 जुलाई : जिधर देखो पानी ही पानी कहां-कहां सड़क है और कहां नाली, कहां खेत है और कहाँ खलियान, कहां गटर है और कहां गड्ढा, कुछ भी पता लगना मुश्किल है । दून-वासियों ने शायद ही इससे पहले कभी अपने शहर को पानी में तैरते देखा होगा। मगर आज अपनी स्मार्ट सिटी को देखकर ऐसा लगता है कि मानो उनका शहर किसी सरोवर में तैर रहा हो।
मौसम विभाग द्वारा बीते दिन सूबे के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था, जिसमें दून भी शामिल था। मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी सच साबित हुई तो स्मार्ट सिटी का हाल कुछ ऐसा हुआ कि शहर की सड़कें नदियां बन गई, गली-मोहल्ले और बाजारों में पानी ही पानी हो गया। जिसके बाद लोगों का घरों से निकलना नामुमकिन हो गया।
काम -धंधे के चलते जो लोग बाहर भी निकले उनका हाल भी बेहद हैरान करने वाला था। शहर में सड़कों पर जगह-जगह वाहन फंस गए और जाम लग गया। रिस्पना पुल के पास कई कार पानी में डूब गई और पानी भरने से बंद हो गई, जिन्हें बाहर निकालने के लिए क्रेन तक बुलानी पड़ी। कई घंटे तक रास्ता जाम रहा और झमाझम बारिश के बीच लोग जाम में फंसे रहे।
यह हाल किसी एक जगह का नहीं था। बात चाहे घंटाघर की हो या फिर आईएसबीटी की, डालनवाला की हो या रायपुर की अथवा पलटन बाजार की, हर जगह जलभराव और जलजमाव की स्थिति से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहाँ तक कि राज्यपाल गुरमीत सिंह आज जब एक स्कूल-हॉस्टल के उद्घाटन कार्यक्रम में गए तो यहाँ की स्थिति ऐसी थी कि पूरा कार्यक्रम स्थल ही जलमग्न हो गया। जिस मंच पर राज्यपाल मौजूद थे उस मंच के नीचे एक फिट पानी भरा था और सुनने के लिए लोगों को जहाँ बैठाया हुआ था वहां भी पानी लबालब भरा हुआ था।
नगर निगम द्वारा नालियों की सफाई व्यवस्था के नाम पर जो खानापूर्ति की गई यह सब उसका ही नतीजा था कि शहर की हर गली-मोहल्ले और बाजार में पानी ही पानी हो गया। किसी के घर में पानी घुस गया तो किसी की दुकान में पानी घुस गया। पूरे शहर में वाटर लॉकिंग कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि पूरा शहर जलमग्न हो गया।
बीते 5 सालों से दून को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर 14 सौ करोड़ रुपए पानी में बहा दिए, मगर पूरा शहर बर्बादी की राह पर धकेल दिया गया। अग़र मानसूनी दौर के शुरुआती दौर में इस स्मार्ट सिटी के हालात हैं तो आगे क्या होगा ?
बाक़ी तो दून में डबल इंजन के फ़ायदे गिनने वाले पन्ना प्रमुख जो हर चुनाव में – हर-हर मोई-घर घर मोई के नाम पर वोट बटोरने का काम करते है अब उन तथाकथित राष्ट्र/अंध भक्तों से यह पूछना ही होगा कि आखिर वह कब तक चंद रुपल्ली के लिए इस शहर को बर्बाद और सूबे की जनता को गुमराह करते रहेंगे।