देहरादून, नवक्रान्ति संगठन मोर्चा के सचिव गंभीर सिंह चौहान ने कहा कि देहरादून जिले के चकराता, कालसी, त्यूणी में बने हजारों फर्जी प्रमाणपत्रों के द्वारा लोग फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं जिसकी पुष्टि तहसील एवं जिला प्रशासन ने भी की है। उच्च न्यायालय नैनीताल एवं उत्तराखण्ड जनजाति आयोग ने फर्जी प्रमाण पत्रों की पुष्टि की है। 

    उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जौनसार बाबर क्षेत्र के मूल निवासियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिये। इस क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से विपन्न एवं सामाजिक रूप से पिछडे़ हैं ।

  उक्त क्षेत्र की जनजातियों में सर्वप्रथम कोल्टा, बाजगी, डोम, चमार, औंजी, दिर्माद, चनाव, जोगडा, नाथ, जूलाहा, बारवा, नाई, कोली, सुनार, टम्टा, तथा शिल्पकार तथा ब्रहामण, एवं राजपूत आदि जनजातियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाये। उन्होने कहा कि संगठन शासन-प्रशासन को चेतावनी देता है कि फर्जी प्रमाणपत्रों के तमाम साक्ष्यों के अनुसार फर्जी प्रमाणपत्रों को निरस्त कर फर्जी लोगों पर उचित कानूनी कार्यवाही की जाये।
प्रेसवार्ता में सतपाल चौहान,गज्जू तोमर, गम्भीर चौहान, मुन्ना राणा, कुलदीप चौहान, विजय चौहान, हाकम चौहान, विपिन जोशी, राजेश चौहान, सरदार चौहान आदि उपस्थित रहे।