देहरादून, 8 जनवरी: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुनाव आयोग की ओर से 14 फरवरी को मतदान का दिन तय किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उत्तरखंड की जनता इस दिन भाजपा सरकार की विदाई करने के लिए तैयार बैठी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडियत को आघात पहुंचाने वाले सरकार को इस बार जनता उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने राज्य में आचार संहिता लागू होने से पूर्व विभिन्न पदों पर सरकार की ओर से की गई नियुक्तियों को लेकर भी सवाल उठाए।

 शनिवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस राज्य में युवाओं के सपनों को रौंदने वाली, विकास को चौपट करने वाली, जनता पर महंगाई को लादने वाली, नदी नाले-गाड़ गधेरों को रौंदने वाली वाली सरकार की विदाई का समय अब करीब आ गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव की तिथियों का कांग्रेस पार्टी उत्साहपूर्वक प्रतीक्षा कर रही थी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर भारी जोश है। जनता में भी इस लोकतंत्र के उत्सव के प्रति उत्सुकता है। यही जोश और उत्सुकता इस बात का द्योतक है कि राज्य में परिवर्तन की बयार बह रही है। उन्होंने चुनाव आयोग की ओर से ऑनलाइन नामांकन, डोर-टू-डोर अभियान के लिए मात्र पांच व्यक्तियों की अनुमति जैसे निर्णयों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में सोशल मीडिया और आधुनिक तकनीक का पूरा उपयोग करते हुए चुनाव आयोग की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करेगी। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि चुनाव में धन बल, सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग और शराब आदि के प्रभाव को रोकने पर भी सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने जनता से भी अपील की कि ऐसे तत्वों पर नजर रखकर उन्हें अपने मताधिकार से दंडित करने के लिए आगे आएं।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर सकती है। उन्होंने आशा प्रकट की कि चुनाव आयोग राज्य सरकार के ऐसे अधिकारियों पर भी सजगता के साथ नजर रखेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कोरोना के मद्देनजर चुनाव संपन्न कराने के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने के लिए राज्य व केंद्र में बैठी हुई सरकारों के साथ एकरूपता व निष्पक्षता के साथ पालन कराया जाना चाहिए। उन्होंने पश्चिम बंगाल के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ दल ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन का जमकर उलंघन किया था। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पार्टी जहां से भी चुनाव लड़ने का आदेश देगी, वह वहीं से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने चुटकी ली कि मैं तो नहा धोकर तैयार बैठा हूं, जहां से भी पार्टी का आदेश होगा, मैदान में उतर जाऊंगा। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर राज्य में चुनाव आचार संहिता लगने के अंतिम समय तक पदों की सौदेबाजी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस सरकार में भ्रष्टाचार की इंतिहा है। यह इलेक्शन के कोड ऑफ कंडक्ट के भी खिलाफ है। सरकार को सात दिन पहले ही इस तरह की गतिविधियां बंद कर देनी चाहिए थीं।

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