विकासनगर, उच्च शिक्षा में शासन द्वारा फीस वृद्धि किए जाने से भड़के आर्यन संगठन से जुड़े छात्रों ने शनिवार को राजकीय महाविद्यालय डाकपत्थर में प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। पूर्व छात्र संघ महासचिव अर्चना चौहान ने कहा कि सरकारी महाविद्यालयों में बीस प्रतिशत फीस वृद्धि का फैसला छात्रों का आर्थिक शोषण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में ग्रामीण परिवेश के गरीब वर्ग के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। गरीबी में जीवन यापन करने वाले इन छात्रों को सरकार साजिश के तहत उच्च शिक्षा से वंचित करने का षडयंत्र कर रही है। महंगाई के दौर में शिक्षा को भी महंगा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीस प्रतिशत की फीस वृद्धि कर सरकार उच्च शिक्षा का बाजारीकरण करने का प्रयास कर रही है। फीस वृद्धि करने से अधिकांश छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। कहा कि एक ओर सरकार प्रत्येक युवा को तकनीकी और गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर फीस वृद्धि कर युवाओं को शिक्षा से दूर किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि इससे पूर्व भी सरकार की ओर से परीक्षा शुल्क में वृद्धि की गई थी और अब अध्ययन शुल्क में भी वृद्धि कर दी गई है। कहा कि शुल्क वृद्धि वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन शुरु कर दिया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में विवेक लमगड़या, जसपाल, राहुल चौहान, बिंदू सजवाण, सैन सिंह, ललित, शाहरूख, हिमांशु वर्मा, शुभम कुड़ियाल, अमन भारद्वाज, आंचल वर्मा आदि शामिल रहे।