टिहरी जनपद के चंबा-धनोल्टी मार्ग पर बसा सौड गांव इन दिनों दीवारों पर खिलखिलाती पेंटिंग के कारण सुर्खियों में है। यहां कोई आर्ट गैलरी या वर्कशॉप नहीं चल रही, बल्कि पलायन के दंश से वीरान हो गए गांव की उजड़ी दीवारों पर कुछ उत्साही युवा रंग भर रहे हैं। ताकि दुनिया का ध्यान इस ओर आकर्षित कर सकें। ‘प्रोजेक्ट फ्यूल’ के तहत एक जून को शुरू हुई इस मुहिम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 100 से अधिक युवा अब तक 50 से अधिक घरों की दीवारों पर विभिन्न प्रकार की आकृतियां उकेर चुके हैं।

इस अनूठे कार्य का श्रेय जाता है चंबा ब्लाक के कोट गांव निवासी युवा दीपक रमोला को। आर्मी स्कूल क्लेमेंटटाउन से स्कूलिंग करने के बाद मुंबई में रह रहे दीपक को पलायन का दर्द यहां खींच लाया। उन्होंने कुछ ऐसा करने की ठानी, जिससे पहाड़ में लगातार हो रहे पलायन की ओर दुनिया का ध्यान खींचा जा सके।

इसके बाद ‘प्रोजेक्ट फ्यूल’ के तहत शुरू हुई गांव के खाली पड़े घरों की दीवारों को रंगों से भरने की मुहिम। दीपक के निर्देशन और हेड आर्टिस्ट पूर्णिमा सुकुमार के नेतृत्व में विभोर यादव, साबित तिश्केर, नीतिश यादव, श्रद्धा बख्शी, लैला बजीर अली, खाना, नीरव दोसी और अन्य युवा पिछले साल रात दिन इस काम को अंजाम दिया। प्रोजेक्ट 30 जून को खत्म हुआ। दीपक रमोला शिक्षक गीतकार और एक अच्छे लेखक भी है

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