अपील : प्रदेश भर के राज्य आंदोलनकारी संगठनों से अपील की गई कि जो जहाँ भी रह रहा है, वह कल यानि 22 जून (वीरवार) को अपने साथियों के साथ वहां के जिलाधिकारी /उपजिलाधिकारी /तहसीलदार (जो भी सुलभ हो) के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजे। ज्ञापन देते हुए एक फोटो खींच कर उसे अपनी फेसबुक/व्हाट्स एप के माध्यम से सोसल मिडिया में भी शेयर करे।ज्ञापन का प्रारूप नीचे दिया गया है।

देहरादून, 20 जून 2023 राज्याधीन सेवा में राज्य आंदोलनकारियों को 10% क्षेतिज आरक्षण की बहाली व चिन्हिकरण की प्रक्रिया को पुनः आरंभ कराने की मांग को लेकर संयुक्त आंदोलनकारी मंच का,कचहरी स्थित शहीद स्मारक देहरादून में धरना आज 16वें दिन भी जारी रहा।
इस दौरान आंदोलनकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा बीते दिन प्रबुद्ध जन–सम्मेलन में दिए गए बयान कि “हम राज्य आंदोलनकारियों के लिए नौकरियों में आरक्षण लायें” को बेहद हास्यप्रद बताते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री धामी राज्य आंदोलनकारियों समेत केंद्रीय मंत्रियों के सम्मुख भी लगातार झूठ बोलने का कार्य करते हुए प्रदेश की जनता को बरगला रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से पूछा कि अगर 10% लागू कर दिया गया है तो वह उसके लागू होने के शासनादेश/एक्ट की कॉपी भी जनता के सम्मुख रखे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुऐ कहा कि ये लोग जुमलेबाजी कर के मामले का हल निकालने का प्रयास कर रहें हैं। अगर सरकार की नियत साफ़ है तो आरक्षण की सही स्थिति जनता को बताएं।
आज धरने में विकास नगर रामकिशन, ऋषिकेश से बेताल सिंह धनाई, सावित्री पवार, पुष्प राज बहुगुणा, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी, चयनित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति कि केंद्रीय महामंत्री नवीन नैथानी, केंद्रीय प्रवक्ता लाखन सिंह चीलवाल, मोनिका बलूनी, कार्यक्रम उप संयोजक व प्रवक्ता अंबुज शर्मा, सुधीर नारायण शर्मा, सुनीता देवी, मंजू सकलानी,हरीश पंत, अंजना उनियाल वालिया, डी वी छेत्री, प्रभात डडरियाल, सुशीला देवी आदि समर्थन में बैठे।

प्रारूप

सेवा मे
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तराखंड सरकार
देहरादून।
माध्यम- जिलाधिकारी /उपजिलाधिकारी /तहसीलदार

विषय- राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण की बहाली एवम चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने के संदर्भ में।

महोदय,
खटीमा विधायक के रूप में आपने सदन के बाहर और भीतर राज्य आंदोलनकारियों के पक्ष में प्रखरता से बात रखी। आपके मुख्यमंत्री हो जाने के पश्चात राज्य आंदोलनकारी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि राज्य आंदोलनकारियों के वर्षों से लंबित प्रकरणों का शीघ्रता से समाधान होगा। आपने स्वयं इस प्रकार के संकेत भी दिये थे।
पिछली सरकार के कार्यकाल में 31 दिसंबर 2021 को विभिन्न जिलों में चिन्हीकरण समितियों की बैठक सम्पन्न हुई परन्तु अद्यतन चिन्हित आंदोलनकारियों की सूची जारी नहीं की गई।
इसी प्रकार राज्याधीन सेवाओं में आंदोलनकारियों हेतु 10 % क्षैतिज आरक्षण के विषय में 13 मार्च 2023 की गैरसैंण कैबिनेट में माननीय वन मंत्री सुबोध उनियाल जी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट उप समिति की सिफारिश को मंजूरी दी गई , तत्पश्चात पूरे प्रदेश में उत्साह और उमंग का एक वातावरण निर्मित हुआ था। परंतु आज तक सरकार न कोई अधिसूचना या अध्यादेश लेकर नहीं आई। जिसके बाद से पूरे प्रदेश के आंदोलनकारी आक्रोशित होने लगे हैं। यहाँ तक कि हमारे साथी शहीद स्मारक देहरादून में अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठे हैं
महोदय, आप स्वयं आंदोलनकारी रहे हैं, युवा हैं और जनपक्षीय फैसले लेने की क्षमता रखते हैं, अस्तु आपसे अपेक्षा है कि 15 दिनों के भीतर उक्त दोनों प्रकरणों पर ठोस एवम निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। अन्यथा यह आंदोलन और तीव्र एवम व्यापक होगा जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की ही होगी।

                                                                            भवदीय


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कहाँ हुआ था इसका निर्णय जानने के लिए नीचे दिए लिंक को टच करें
 
            उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारीयों की महाबैठक में पारित हुए प्रस्ताव