नैनीताल, सचिव मुख्यमंत्री मण्डलायुक्त राजीव रौतेला ने कहा कि जागेश्वर धाम अपनी पौराणिक महत्व रखता है इसलिए मन्दिर समिति, एएसआई, कु0म0वि0नि0 व पयर्टन विभाग आपसी तालमेल बनाते हुए मन्दिर के कार्य करना सुनिश्चित करें आॅकर््योलाॅलिकल सर्वे आॅफ इण्डिया की सलाह से मन्दिर में कार्य किये जाये ताकि जागेश्वर मन्दिर की पौराणिकता बनी रहें।
श्री रौतेला मन्दिर संरक्षित क्षेत्र में एएसआई द्वारा प्रथम चरण में जागेश्वरधाम में मुत्युज्ंाय मन्दिर, केदार मन्दिर, कुबेर मन्दिर का सर्वेक्षण कार्य किया जायेगा साथ ही जटागंगा नदी किनारे दीवार मरम्मत, जटागंगा के किनारे रैलिंग मन्दिर की विद्युत लाईनें भूमिगत करने के साथ ही मन्दिर सौन्र्दरीकरण फोकस लाईट कार्य किये जायेंगे। इसके साथ ही आर्दश म्यूजियम में सोविनियर शाॅप, दिव्यांग फ्रेंडली शौचालय, पेयजल व्यवस्था एवं कैफेटैरिया भी बनाया जायेगा।
आयुक्त ने मन्दिर संरक्षित परिसर में ज्यादा सिविल कार्य न करने का सुझाव देते हुए मन्दिर परिसर में बहुत ज्यादा साइनेज सूचनापट न लगा कर एक ही सूचना पट पर सभी सूचनाऐं लिखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मन्दिर का पौराणिकता को बनाया रखा जाये मरम्मत कार्य पौराणिकता के आधार पर किये जायें। उन्होंने एक व्यू-पाॅईट बनाने का भी सुझाव दिया जिससे पूरे मन्दिर समूह को एक साथ देखा जा सके। उन्होंने कहा कि जटागंगा का पुनःजीवितीकरण हेतु कैचमेंट एरिया में पौधा रोपण, टैंªच, चालखाल आदि कार्य किये जा रहे हैं जिससे जटागंगा में जल वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि जटागंगा शमशानघाट में शवदाह लकडियां अधजली बिखरी रहती है जिससे उस क्षेत्र में गंदगी बनी रहती है। उन्होंने एएसआई को शमशामघाट सुद्धढीकरण करने का सुझाव भी दिया साथ ही प्रस्ताव सचिव संस्कृत को भी भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मन्दिर का प्रवेश द्वार मन्दिर कमेटी के सुझाव लेते हुए पौराणिक रूप का ही बनाया जाये जो मन्दिर निर्माण कला से मेल खाता हो। धाम में कु0म0वि0नि0 द्वारा स्वदेश दर्शन के अन्तर्गत जो कार्य कराये जा रहे हैं उनमें एएसआई से सहयोग अवश्य लिया जाये ताकि मन्दिर की पौराणिकता यथावत बनी रहे।
आॅकर््योलाॅलिकल सर्वे आॅफ इण्डिया के विशेषज्ञ राजकुमार पटेल ने बताया कि जागेश्वरधाम संरक्षित क्षेत्र में कार्यों हेतु 1.20 करोड़ अवमुक्त हो चुका है। वर्षाकाल उपरान्त कार्य प्रारम्भ कर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में भोगशाला मरम्मत, खण्डित छोटे-छोटे मन्दिरों का जीर्वोद्वार, मन्दिरों को वर्षा के पानी से हो रहे नुकसान से बचाव कार्य, मन्दिर परिसर में स्थानीय पत्थरों को लगाये जाने का कार्य खण्डित मूर्ति (द्वारपाल) की मरम्मत सुरक्षा की दृष्टि से मन्दिरों के अन्दर गर्भगृह बेरिकेटींग कार्य नालियों की मरम्मत आदि कार्य जो मन्दिर समिति द्वारा प्रस्तावित किये गये हैं उन कार्य को रखा गया है। उन्होंने बताया कि द्वाराहट के बद्रीनाथ मन्दिर, मुत्युंजय मन्दिर, गुरजादेव मन्दिर के साथ ही कटारमल मन्दिर में भी एएसआई द्वारा कार्य किये जायेंगे। उन्होंने बद्रीनाथ मन्दिर से लगी भूमि एपरोच मार्ग व पार्किंग हेतु कटारमल मन्दिर के लिये सड़क व पार्किंग के लिये भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव स्वीकृत कराने का आग्रह आयुक्त से किया। बैठक में विधायक द्वाराहट महेश नेगी, मुख्य विकास अधिकारी अल्मोड़ा मनुज गोयल, महाप्रबन्धक कु0म0वि0नि0 अशोक जोशी, प्रोजेक्ट प्रबन्धक सुनीता चैहान, जिला विकास पयर्टन अधिकारी अरविन्द सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।