भैर सड़की म सौंण का मैंना की बरखा की लरका –तरकी लगीं थै अर होटल भितर चा पेंदारों की छिरका –छिरकी लगीं थै. हे बेटा इच्छी जरा फंड सरक दौं लठयाला अर कै गौं कु तु ? बडी मै यख कु नी, भैर बिटि आयुं . अर करदु क्या तु बुबा ? बडी मै पत्रकार ? अर पत्रकार काम क्या करदान बेटा ? बडी हम अखबार का वास्ता खबर लिखदान. तब त खूब छोरा, मास्टरु जनु लिखण –पढण कु काम तेरु ?
अर एकबात सुणदौं बेटा, उ हमारू चंद्रयान कफंडू पौंछी होलु अबारी ? बडी तुम कनै पता चंद्रयान का बारा म ? हे बेटा मेरु नौन्याल भी रोज सुणदु लठयाला खबर अर वैका दगड़ा –दगड़ी इच्छी – इच्छी मै भी बिंग जांदु बेटा . बडी, अभी उ धरती की कक्षा म घुम्णु . पर बेटा धरती त यख बेड़ रैगी, जरूर वु आसमान का कच्छा म होलु घुसणु ? कच्छा ना बडी कक्षा होंदी वा ? अच्छा ,जनु मेरु नात्ति पढ़दु कक्षा 5 म स्कूल म ? स्या भी तन्नी कक्षा होंदी होलि बळ, क्यूँ ?
अर डरेबर –कलेंडर कख का होला बेटा तै चंद्रयान पर ? बडी, चंद्रयान आटोमेटिक होंदु, अफुई चल्दु ,बिना डरेबर का . अर बेटा, यु चंद्रयान होलु कैकु, टीजीएमओवालों कु कि यातायात कंपनी वालों कु ? ना बडी यु चंद्रयान यु चंद्रयान सरकारी . अरे त सरकारी त रोडवेज की बस भी होंदी बेटा ? बडी बस अर चंद्रयान म फरक होंदु ? अर उ जु बेटा हमारा देब्तों म होंदा था पुष्पक विमान, उ भी क्या चंद्रयान ही रै होला या कुछ हैक्की भाँति का रंदा होला ? पता नी बडी ?
अर यु चंद्रयान त भौत मैंगु होलु, नि बेटा ? अर कतना कु औंदु होलु बेटा एक चंद्रयान ? बडी यु त कुई 978 करोड़ कु छ बल ? अर 978 करोड़ कतना होंदा होला बेटा ? कई बौंड –ओबरा भरे जाला बल नोटु न, नि बेटा ? बडी स्यु बेड़ टीरी डाम देख्युं तुमारु, 978 करोड़ म तन्नी एक डाम हौर बण जांदु अर बाकि गौंवालों अर बजारवालों कु हिसाब-किताब बि ह्वेजांदु, यनु समझा ? अर बेटा ये चंद्रयान कु लंबर क्या होलु ? जनु हमारा गौंवालों की गाड़यों कु 6452 , 7611 ? बडी चंद्रयान कु नंबर नि होंदु ? अर तब पुलिसवालों चालान कनै कन्न वैकु ?
अरे बडी तुम भी कख लग्यां . अर तब मत्थी फंडु पछानण कनै कैन कि, यु हमारू चंद्रयान कि लुकारु, अर तब फंस्या माचु चोरी पर ? बडी तुम वांकी चिंता न करा .अर बेटा ये चंद्रयान पर हौरन अर लैट भी होलि ? किले ना बड़ी. अर करण क्या बेटा ये चंद्रयान न वख ? बडी पैली येन खाड खडण फिर ढुंगा-माटू कठठु करण अर वैका बाद पाणी की खोज ? अर यख जु बुबा संगति पाणी- पाणी होयुं पैली माच्दु वैकु लगादौं कुछ सोक्ष –मोक्ष ? कईयों की मवासी घाम लगेयालि बेटा ये पाणी न ? अर जु वख़ पाणी मिलजालु बेटा त तब क्या कन्न यूंन वैकु ? बडी तब अग्ने बस्ती बसौला फिर वख ? अर बेटा यख जु गौं का गौं खाल्ली होणा रात दिन, वांकु क्या ? पैली यूं बसादौं माच्दु ?
अब बेटा तु बुरु न मानी, त एक बात बोळदौं मै ——य सरकार भी सुद्दी माचु फंड ढोलीं . बिच्छी कु नि जाणी मंतर अर सांप की दुली कोची बल हाथ ? अच्छा बेटा, त अब इच्छी बरखा थमीं, बिद्दू ह्वेगी त मै भी फंडु हिटदौं. अर, हे बेटा, मेरु नौ न लिखि चुचा तु अपणा अखबार पर , न हो माचु भोळ मेरा डेरा पुलीस ऐजाऊ ? अच्छी बात बेटा —–अपणा शरील कु खयाल रखणु बल .
राकेश मोहन थपलियाल