देहरादून, प्रापर्टी डीलर से लूट के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस ने अब बड़ा फैसला लेने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार इन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
चुनाव के दौरान चार अप्रैल की रात प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार निवासी कैनाल रोड, बल्लूपुर को डब्ल्यूआइसी में अनुपम शर्मा ने प्रॉपर्टी से संबधित रकम लेने के लिए बुलाया। अनुरोध जब वहां से बैग लेकर लौट रहे थे तो रास्ते में होटल मधुबन के पास एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो में बैठे तीन लोगों ने ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया। उनके रुकते ही स्कॉर्पियो से दो वर्दीधारी पुलिसकर्मी उतरे। चुनाव की चेकिंग के नाम पर उन्होंने कार की तलाशी ली और उसमें रखा बैग कब्जे में ले लिया। छह अप्रैल को अनुरोध ने दून पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि स्कॉर्पियो आइजी गढ़वाल के नाम आवंटित है और उसमें बैठे दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी ने वारदात को अंजाम दिया है। मामले में दस अप्रैल को डालनवाला कोतवाली में लूट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया, बाद में जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। इस जांच के बाद मंगलवार की रात चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों पर आइपीसी की धारा 341 (किसी को गलत तरीके से रोकना, हिरासत में लेना), 365 (अपहरण) व 170 (सरकारी पद का दुरुपयोग), 392 (लूट) और 120बी (साजिश रचना) की धाराओं में मुकदमा दर्ज है। हालांकि अभी तक इस रकम को बरामद नहीं किया गया है। एसटीएफ ने डब्ल्यूआइसी के सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने कब्जे में ले रखा है। इसके कैमरों में उस बैग की पूरी और साफ तस्वीर है कि उसका रंग कैसा है और कितना बड़ा है। बैग को उठाकर अनुरोध की कार तक आने वाले शख्स की गतिविधि से साफ पता चल रहा है कि बैग में कुछ खास सामान ही रखा है। कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों ने बैग में रकम होने से साफ इन्कार किया। एक ने तो यहां तक कहा कि उसमें शराब की बोतलें थीं। लेकिन, इस सवाल का जवाब आरोपितों के पास नहीं था कि केवल इतने भर के लिए आइजी गढ़वाल की सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में आरोपितों की ओर से कही जा रही बातें गले से नहीं उतर रही है। पुलिस भी रकम को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाई है। मुकदमा दर्ज कराने वाले अनुरोध का कहना है कि बैग में कितनी रकम थी, उसे पता नहीं। क्योंकि उनका दावा है कि उन्होंने बैग को खोलकर देखा ही नहीं था। रकम को लेकर सवाल कई और उनका जवाब देने की चुनौती एसटीएफ के सामने है। डीआइजी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल ने कहा कि रकम के मिलने के हर संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। जैसे ही बैग या रकम के बारे में जानकारी मिलती है, उसे अदालत के समक्ष रखा जाएगा। इस सबके बीच अब जो खबर सूत्रों के हवाले से आ रही है उसमें बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से आरोपी पुलिस कर्मियों की नौकरी जा सकती है। विभाग अपनी नाक बचाने के लिए पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की तैयारी में जुटा है। हालांकि बड़ा सवाल अभी यह भी बना है कि पैसे किसके थे। जो इसमें कहानी बताई गई क्या वही है या फिर चुनाव के दौरान इस धनराशि का उपयोग किया जाना था, यह बड़ा सवाल बना है।