आंदोलनकारियों की मांगें 01 सितम्बर खटीमा औऱ 02 सितम्बर मसूरी की सभाओं से पहले हल करने को कहा
देहरादून, 16 अगस्त: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण और चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की माँग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन के क्रम में धरना आज सोलवें दिन व क्रमिक अनशन छठे दिन भी जारी रहा।
आज धरना स्थल पहुंचे आंदोलनकारी सम्मान परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र जुगराण ने कहा कि क्योंकि वह स्वयं को इस आंदोलन का हिस्सा मानते हैं इसलिए वह यह नहीं कहेंगे कि समर्थन करने आया हूँ। इसके बाद ही उन्होंने सचिवालय व राजभवन में इन मांगों के विषय में उनके द्वारा किये जा रहे प्रयास से अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा 30 जून उनके साथ किये वादे जिसमें एक सप्ताह में भीतर मामले का निस्तारण करने की को कहा था ढाई माह बीत जाने के बाद भी पूरा ना होने पर रोष प्रकट किया। इसके साथ उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह 31अगस्त तक हमारे आंदोलनकारियों की समस्त जायज़ मांगों प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर दें अन्यथा उन्हें इसके दुष्परिणाम केदारनाथ उप-चुनाव में देखने को मिल सकते हैं।
उनके इस बयान का धरना दे रहे सयुंक्त मंच के समस्त आंदोलकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सयुंक्त मंच के सह-संयोजक अम्बुज शर्मा ने जुगराण के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि निराशा के इस दौर में पूरे प्रदेश के आंदोलनकारी उनकी तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं, उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी इन माँगों को वह अवश्य पूरा करवाएंगे।
आज कार्मिक अनशन पर थराली (चमोली) के जगदीश पन्त देहरादून के अभिषेक बिष्ट व कोटद्वार के क्रांति कुकरेती थे।
इसके अलावा धरने पर बैठने वालों में खुशपाल सिंह परमार, सुधीर नारायण शर्मा, दुर्गा बहादुर क्षेत्री, प्रभात डंडरीयाल, शैलेंद्र राणा, विकास रावत, मोहनलाल प्रजापति, देवी प्रसाद व्यास, केशव उनियाल, बसंती देवी रावत, शिवराज सिंह रावत, युद्धवीर सिंह चौहान, दीनदयाल बलूनी, पुष्पा बहुगुणा, सुनीता ठाकुर, गीता नेगी, अंबुज शर्मा, पूरन सिंह लिंगवाल, बाल गोविंद डोभाल, विजय पाल सिंह राणा आदि उपस्थित थे।
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