पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में खाद्य मंत्री रहे प्रीतम सिंह के विभाग में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 मे हुई धान खरीद में एक घोटाला उजागर हुआ था .. जिस पर पहले एसआईटी ने जाँच कर मोहर लगाई, उसके बाद शासन द्वारा करवाये गए स्पेशल आडिट में भी इसकी पुष्टि हो गई। मग़र इसे अंजाम देने वाले घोटालेबाजों पर क्या कार्यवाही कुछ पता नहीं !
देहरादून, 17 अगस्त: उधमसिंहनगर में धान खरीद में हुए 600 करोड के घोटाले की परिपालन की अद्यावधिक स्थिति की सूचना आडिट निदेशालय के प्रथम अपीलीय अधिकारी के स्तर से भी नहीं मिलने के बाद अब यह मामला राज्य सूचना आयोग में पहुंच गया है । हल्द्वानी निवासी रमेश चन्द्र पाण्डे ने मुख्य सूचना आयुक्त को द्वितीय अपील भेजकर सूचना दिलाने का आग्रह किया है ।
गौरतलब है कि उधमसिंहनगर में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 मे हुई धान खरीद में घोटाला उजागर हुआ। शासन द्वारा इसकी जांच हेतु पहले एस.आइ.टी. गठित की थी। इसकी जांच रिपोर्ट में 600 करोड के घोटाले का आंकलन किया गया बाद में शासन द्वारा इसका स्पेशल आडिट कराने के आदेश दिये थे । स्पेशल आडिट रिपोर्ट में भी 600 करोड से अधिक के घोटाले की पुष्टि हुई थी ।
रमेश चन्द्र पाण्डे ने आडिट निदेशालय के लोक सूचना अधिकारी को 29 जून को पत्र भेजकर एस.आइ.टी.की जांच रिपोर्ट, स्पेशल आडिट रिपोर्ट एवं परिपालन आख्या की सूचना मांगी। 30 दिन के भीतर सूचना नहीं मिलने पर 31 जुलाई को प्रथम अपीलीय अधिकारी को पत्र भेजा। लोक सूचना अधिकारी द्वारा 1 अगस्त को सूचना दी गई और प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा 1 अगस्त को ही उन्हें पत्र भेजकर 5 अगस्त को अपील पर सुनवाई करने की सूचना दी गई।
श्री पाण्डे ने 4 अगस्त को अपीलीय अधिकारी को पत्र भेजकर बताया कि उन्हें जो सूचना उपलब्ध हुई है उसमें आडिट रिपोर्ट की परिपालन आख्या पर अद्यावधिक कार्यवाही की स्थिति की सूचना नहीं है लिहाजा परिपालन की अद्यावधिक स्थिति की सूचना दिलाई जाय ।
प्रथम अपीलीय अधिकारी बिपिन बिहारी लाल द्वारा 8 अगस्त को जारी आदेश के बिन्दु 5 में उल्लेख किया है कि लोक सूचना अधिकारी ने अपील के सम्बन्ध में न तो कोई लिखित उत्तर प्रस्तुत किया और नही मूल पत्रावली अपील के समय प्रस्तुत की गई ।
आदेश के बिन्दु 6 में कहा गया है कि वांछित सूचना हेतु आवेदन को वित्त आडिट प्रकोष्ठ को अन्तरित किया जाना चाहिए था क्योंकि स्पेशल आडिट रिपोर्ट का निर्गमन एवं परिपालन वित्त आडिट प्रकोष्ठ से ही होता है ।
श्री पाण्डे ने इस स्थिति को गम्भीर एवं आश्चर्यजनक बताते हुए मुख्य सूचना आयुक्त को भेजी द्वितीय अपील में कहा है कि प्रथम अपील का निस्तारण होने के बाद भी वे सूचना से वंचित हैं