देहरादून 20 अप्रैल : कर्मचारी की शैक्षिक योग्यता संबंधी जानकारी न देना नगर निगम की लोक सूचना अधिकारी एवं सीनियर हेल्थ ऑफिसर डॉ0 अविनाश खन्ना को भारी पड़ गया। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने उन पर 25000 का जुर्माना चस्पा कर दिया। सूचना आयोग ने वीरवार को एमडीडीए के लोक सूचना अधिकारी निशांत कुकरेती और डीम्ड लोक सूचना अधिकारी प्रमोद जोशी पर भी सूचना ना देने पर ₹10000 और ₹5000 का जुर्माना लगाया।
सूचना के अधिकार के तहत अपीलकर्ता कुलदीप सिंह द्वारा नगर-निगम में कार्यरत किसी कर्मचारी के बारे में सूचना मांगी गई थी। सूचना में उक्त कर्मचारी की नियुक्ति सम्बंधित जानकारी जिसमें उसकी नियुक्ति का वर्ष व आधार, शैक्षिक-योग्यता, मेडिकल प्रमाण-पत्र तथा मूल-निवास की जानकारी मांगी गई थी। नगर निगम ने इन सूचनाओं को यह कहते हुए देने से इंकार कर दिया कि यह कर्मचारी की व्यक्तिगत सूचना है जिसे आरटीआई के तहत नहीं दिया जा सकता ।
नगर निगम देहरादून में आउटसोर्सिंग के माध्यम से 188 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें 79 कर्मचारियों की नियुक्ति को वित्तीय स्वीकृति मेयर द्वारा जबकि 21 कर्मचारियों की वित्तीय स्वीकृति नगर आयुक्त द्वारा दी गई है। 40 कर्मचारी चीफ़ व सीनियर हेल्थ ऑफिसर की संस्तुति के बाद, 16 कंप्यूटर ऑपरेटर आउट सोर्स के माध्यम से कार्यरत हैं। इसके आलावा 30 सुपरवाइजर/ सीनियर सुपरवाइजर भी कार्यरत हैं।
उसके बाद यह मामला प्रथम अपीलीय अधिकारी सहायक नगर आयुक्त तक पहुंचा गया। उनके द्वारा भी 10 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए मगर नतीजा फिर भी सिफर ही रहा। इसके बाद प्रार्थी मामले को लेकर सूचना आयोग पहुंच गया।आयोग ने 25 फरवरी 2023 को आदेश जारी कर सूचना अधिकारी को 10 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने के आदेश जारी किये जिसके बाद प्रार्थी को वंचित सूचना मिल पायी।
सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम अपीलीय अधिकारी की ओर से 17 मार्च’22 को लोक सूचना अधिकारी 10 दिन के भीतर सूचना देने के आदेश दिए गए थे यानि प्रार्थी को हर हाल में 27 मार्च’22 तक सूचना प्राप्त हो जानी चाहिए थी। लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन किया। जिसके चलते लोक सूचना अधिकारी पर ₹25000 का जुर्माना लगाया गया।
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