देहरादून, 5 अगस्त: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण और, चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की माँग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन धरना आज पांचवे दिन भी जारी रहा।
आज धरनास्थल पर पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आंदोलन के मुख्य संयोजक क्रांति कुकरेती से अनौपचारिक बात करते हुए वहाँ रखे रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति दर्ज करी। साथ ही वहां मौजूद आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस विधेयक के मामले में वह खुद को भी दोषी मानते है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 2015 में ही यह विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया था, मगर उसके बाद 2016 में भाजपा द्वारा लगातार उनकी सरकार को अस्थिर करने का कुचक्र शुरू हो गया जिसके चलते वह इस पर ध्यान नहीं दे पाये अन्यथा यह विधेयक उन्हीं के कार्यकाल में ही पास हो गया होता।
वर्तमान भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यह जुमलेबाजों की सरकार है। यह जो कहेगी वह कभी नहीं करेगी और ये जो करती है वो किसी को नहीं बताती। उन्होंने आंदोलनकारियों को विश्वास दिलाया कि जिस दिन भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, आंदोलनकारियों के सम्मान से जुड़ी सभी मांगे प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जायेंगी।
वहीं आज उ०क्रां०से० के प्रदेश अध्यक्ष ललित श्रीवास्तव भी अपने साथियों के साथ आंदोलन को समर्थन देने शहीद स्मारक पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार को शुरू से ही आंदोलनकारियों के लिए अलग से व्यवस्थाएं बनानी चाहिए थी। अब जबकि मुख्यमंत्री अपने मुँह से 10% क्षैतिज आरक्षण देने की बात बोल चुके हैं तो उन्हें अपनी ज़ुबान को हर हाल में पूरा करना चाहिए तथा जल्द से जल्द हमारी मातृ शक्तियां जो उम्र की अंतिम दहलीज पर खड़ी हैं उनका चिन्हीकरण भी अतिशीघ्र किया जाना चाहिए अन्यथा यह आंदोलन बड़ा रूप लेगा जिसकी जिम्मेदारी स्वयं शासन व प्रशासन की होगी ।
आज धरने पर बैठने वाले में क्रांति कुकरेती, अंबुज शर्मा, रावत, रामकिशन, दिनेश भारद्वाज, एकादशी देवी, प्रभात डंडरियाल, बलबीर सिंह नेगी, जबर सिंह पावेल, मोहन सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह पवार, कमला खंतवाल, सुनीता ठाकुर, सुरेसी रावत अनुराधा मंडोला, विनोद असवाल, क्रांति अभिषेक बिष्ट, रुक्मिणी देवी, ललित आशा देवी, धीरज पटेल, देवेश्वरी रावत,शांति शर्मा उर्मिला शर्मा, माया डिमरी पुरुषोत्तम सेमवाल आदि थे।