-अखाडा परिषद् अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज। 
    हरिद्वार, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कम्यूनिस्ट नेता सीताराम येचुरी के हिंदुओं को हिंसक बताने संबंधी बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उनसे लिखित में माफी मांगने की मांग की है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि सीताराम येचुरी को हिंदू धर्म शास्त्रों का ज्ञान नहीं है।
 रामायण और महाभारत में कहीं भी हिंदू धर्म को हिंसक नहीं बताया गया है। हिंदू हमेशा ही अहिंसा में विश्वास रखते आए हैं। हिंदू धर्म में चींटी मारना भी अपराध हे। रामायण और महाभारत में श्रीराम व श्रीकृष्ण ने धर्म की रक्षा के लिए दानवों का वध किया। दानवों का वध करना कोई अपराध नहीं है। जिस तरह आज दौर में आतंकवादियों द्वारा निरपराध लोगों को मारकर दहशत फैलायी जा रही है। उसी तरह रामायण और महाभारत युग में राक्षस प्रवृति के लोगों द्वारा आतंक फैलाया जा रहा था। इसलिए स्वयं भगवान ने मानव अवतार लेकर उनका वध किया। सीताराम येचुरी जैसे लोग देश में दहशत फैलाना चाहते हैं। येचुरी को हिंदुओं से लिखित में माफी मांगनी चाहिए। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने युवाओं से अनुरोध किया कि सोशल मीडिया के माध्यम से सीताराम येचुरी के बयान का विरोध करें और उन्हें माफी मांगने पर मजबूर करें। साधु संत भी येचुरी का विरोध दर्ज कराएं। यदि सीताराम येचुरी ने हिंदू समाज से माफी नहीं मांगी तो अखिल भारतीय अखड़ा परिषद सभी तेरह अखाड़ों की नागासेना तैयार कर उनके खिलाफ विशाल आंदोलन करेगा। निंदा करने वालों में श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी, महामण्डलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, महंत जसविन्द्र सिंह, महंत कमलजीत सिंह, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत श्याम प्रकाश, स्वामी गंगादास उदासीन, मुखिया महंत भगतराम, महंत धूनीदास, महंत त्रिवेणी दास, श्रीमहंत रामरतन गिरी सहित कई संत महंतों ने सीताराम येचुरी के बयान की निंदा करते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की।