देहरादून, दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक जनजाति कल्याण अनुराग शंखधर को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले निलंबन पर अफसरों ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल दी थी। हालांकि, उन पर अब निलंबन की गाज गिर गई है।
देहरादून और हरिद्वार जिले में छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर का नाम सामने आया था। इस मामले में हरिद्वार में दर्ज मुकदमे में शंखधर के खिलाफ भ्रष्टाचार और गबन का मुकदमा एसआइटी ने दर्ज किया था। एसआइटी ने लंबी पूछताछ के बाद शंखधर को गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेज दिया। पहले भ्रष्टाचार का मुकदमा और बाद में गिरफ्तारी होने से शंखधर का निलंबन तय था। मगर, निदेशालय से लेकर शासन के अफसरों की हीलाहवाली के चलते कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा था। पहले गिरफ्तारी, फिर जेल जाने के 24 घंटे और अब एसआइटी और निदेशालय से जेल जाने की लिखित सूचना का इंतजार किया जा रहा था। शनिवार और रविवार के अवकाश के बाद इस मामले को अफसरों ने सोमवार तक टाल दिया था। आज उन्हें निलंबित कर दिया गया।