देहरादून,

हर्रावाला में गढ़ जन मंच समिति के कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा ने शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति को सम्मानित किया। सम्मानित होने के बाद ज्योति ने अपने दिल की बात कही। पति के शहीद होने के बाद अपने परिवार की उपेक्षा किए जाने पर जमकर दिल का गुबार निकाला। ज्योति ने कहा कि, उनके पति के शहीद होने के आठ महीने बाद लोगों को उनकी याद आई है।

 गढ़ जनमंच का ये आयोजन न हो रहा होता तो शायद उन्हें बुलाया भी न जाता। जहां उनके पति का बचपन बीता वो जगह उनका परिवार है। क्षेत्र के सब बड़े उनके माता पिता के समान हैं। इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि कोई तो उनका दुख बांटने आता। उनके शहीद पति ने जो गर्व का मौका दिया है उसके बाद उन्हें किसी भी सम्मान की जरूरत नहीं है। वह ये सम्मान ले तो रही हैं पर उनका दिल नहीं कर रहा इसे लेने को। ज्योति ने बात पूरी की तो पीछे खड़ी उनकी छह साल की बेटी लावण्या ने माइक थाम लिया। कक्षा एक में पढ़ने वाली लावण्या ने फिर जो कहा उससे पांडाल में बैठे हरेक शख्स की आंखों में आंसू आ गए।
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 लावण्या ने कहा.,जितना भी लहू था, बहा दिया वतन के वास्ते, एक कतरा भी न रखा तन के वास्ते, मरते तो हैं सब लोग, पर मौत वही है जो आए काम वतन के वास्ते…,फिर लावण्या ने एक कविता भी सुनाई। टिवंकल टिवंकल लिटिल स्टार, पापा मेरे सुपर स्टार, सूरज चांद सितारे गाते, मेरे पापा की जय जय कार, फिर सबको अपने साथ बोलने को कहा…,मेरे पापा की जय…,देश के शहीद अमर रहे, अमर रहे.., भारत माता की जय,। लावण्या अपनी बात कहती जा रही थी और पांडाल में बैठे लोग अवाक होकर उसकी बात सुन रहे थे।