देहरादून,15 मार्च : विश्व उपभोक्ता दिवस पर संयुक्त नागरिक संगठन विश्व उपभोक्ता दिवस पर संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वाधान इन्द्र रोड़ स्थित तस्मिया एकैडमी हाल में अखिल भारतीय उपभोक्ता समिति तथा दून सिटीजन काउंसिल के संयुक्त तत्वाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधि शामिल हुए।

इस अवसर पर वक्ताओं ने खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट के चलते बिगड़ रहे स्वास्थ्य के प्रति अपनी चिंता ज़ाहिर की। उनका कहना था कि जांच के नाम पर सरकारी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों की मात्र खानापूर्ति करती ही नज़र आ रहीं हैं जिसके चलते मिलावटखोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। खाद्य पदार्थो मे मिलावट के दोषी पाए जाने पर सख्त दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग भी की गयी। वक्ताओं ने कहा अस्पतालों में दिनों-दिन रोगियों की बढ़ती भीड़ जिसका प्रमुख कारण खाद्य पदार्थों और खाने पीने की चीजों में मिलावट है। इस पर दवाइयों में मिलावट-खोरी के सबूत पिछले वर्षों में पकड़ी गई नकली दवाइयों की खेप है जो रोगियों को आराम की जगह मौत के और करीब ला रही हैं। हर चीज मे मिलावट आम है, शुद्धता की गारंटी नही है। ऐसे मौत के सौदागरों को मौत की सजा मिलनी जरूरी है। मिलावट करने वाले और मिलावटी सामान बेचने वाले दोनों ही दोषी हैं।वक्ताओं ने कहा आमजन को सेवाओं का भी अधिकार है, परंतु सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं से आमजन संतुष्ट नहीं हैं। बिजली उपभोक्ता मासिक बिल भेजने,फिक्स चार्ज मे बढोतरी ₹- 09 प्रति यूनिट चार्ज बढ़ने से परेशान हैं और विद्युत नियामक आयोग मूकदर्शक बना बैठा है। शहर में सफाई, सीवरेज, सड़कों की बदहाली देखकर लगता है कि यह स्मार्ट सिटी नहीं बल्कि नारकीय जीवन की तस्वीर है। आमजन को स्वच्छ वायु,स्वच्छ जल उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। परन्तु सरकार और शासन के अधिकारी आखें बन्द किये बैठे है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इन पर दबाव डाला जाना बेहद जरूरी है।

वक्ताओं ने कहा कि उपभोक्ताओं को सूचना का अधिकार, चुनने का अधिकार, शिकायतों को चुने जाने का अधिकार, निवारण का अधिकार, उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार, मूलभूत सेवाओं का अधिकार, स्वास्थ्य पर्यावरण का अधिकार दिए गए हैं परंतु यह अधिकार केवल कागजों में ही सीमित हैं। हमें इन अधिकारों को हासिल करने के लिए संघर्ष करना होगा तभी उपभोक्ताओं को रावत मिल सकेगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ एस फारूख थे। अध्यक्षता ब्रिगेडियर के.जी. बहल द्वारा और संचालन आरिफ खान ने किया। इस अवसर पर पद्मश्री कल्याण सिंह रावत,श्वेता राज तलवार, सीपी ओबरॉय, केडी सिंह, सेवा सिंह माथुर, ठाकुर आर एस कैंथुरा,एमएस नेगी,कर्नल बीएम थापा,कर्नल के.एस. मान, विशाल मलिक,के.डी. सिंह, डॉ एस.एस. खेरा, एल.पी. रतूड़ी, इंजीनियर बी.पी. नौटियाल,रविंद्र नेगी, प्रशांत सिंह, मुकेश नारायण शर्मा, पूजा सुब्बा ,प्रदीप कुकरेती, सुशील त्यागी,आर. के. बख्शी,एडवोकेट राज गीता शर्मा, डॉक्टर प्रिया पांडे कोशिक, गुलिस्ता खानम, राधिका परवीन, चौधरी ओमवीर सिंह, डॉ0 मुकुल शर्मा, गीता चौधरी, सीमा सिंह, रीता सूरी आदि सम्मानित लोग उपस्थित थे।

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