देहरादून ,20 दिसम्बर : आडिट विभाग में लेखा परीक्षा अधिकारी के रिक्त 04 पद पदोन्नति के हैं या सीधी भर्ती के , इसको लेकर विवाद चरम पर है । जहां एक ओर आडिट निदेशालय ने इन पदों को पदोन्नति का पद मानने से साफ इन्कार कर दिया है वहीं इन पदों पर पदोन्नति की आस लगाए 11 दिन बाद रिटायर होने वाले सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पाण्डे ने निदेशालय के उत्तर को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि ये पद पदोन्नति के हैं । अपने दावे के पक्ष में ठोस तर्क के साथ निदेशक आडिट को भेजे पत्र में उन्होंने सवाल उठाया है कि यदि ये पद पदोन्नति के नहीं हैं तो अब तक सीधी भर्ती का अधियाचन क्यों नहीं भेजा गया ? सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने इन पदों को लेकर उत्पन्न सस्पेंस की स्थिति को तत्काल समाप्त करते हुए कार्मिकों की पदोन्नति की आस को फलीभूत करने की अपेक्षा की है । वित्त विभाग के नियन्त्रणाधीन आडिट विभाग सूबे के मुख्यमंत्री के पास है । 9 नवम्बर को जारी शासनादेश में सरकार की ओर से सभी विभागों में पदोन्नति के पदों को भरने के लिए 15 दिन की समय-सीमा तय की है ।

गौरतलब है कि जून 2015 से इस विभाग में बेवजह पदोन्नति के मामले लटके होने से दर्जनों कार्मिक पद रिक्त होते हुए भी वगैर पदोन्नति के ही रिटायर हो चुके हैं । गत वर्ष फरवरी 20 में लेखा परीक्षा अधिकारी के एक पद पर पदोन्नति का आदेश शासन और निदेशालय स्तर पर 10 माह तक दबे रहने के बाद सम्बन्धित अधिकारी को आरटीआई लगाने पर मिला । सुर्खियों में रहे इस मामले से अफसरों की मंशा पहले ही साफ हो गई थी । 22 साल से उप निदेशक के पद पर तैनात एक अधिकारी के संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति के प्रस्ताव को शासन द्वारा एकीकरण के तहत नई ज्येष्ठता सूची जारी होने तक होल्ड (प्रतीक्षा) में रखा है जबकि यह सूची दो साल से शासन स्तर पर ही लम्बित है । ज्येष्ठता सूची जारी नहीं होने से उप निदेशक व संयुक्त निदेशक के ऊपर के कुल 06 पदों पर पदोन्नति लटकी है ।
उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे का कहना है कि विभाग ने यूपी कैडर के कार्मिकों को प्रमोशन देने के लिए तो सारी व्यवस्थाओं को ओवरटेक कर दिया लेकिन राज्य प्राप्ति के लिए संघर्ष करने वाले उत्तराखंड कैडर के कार्मिकों की पदोन्नति के मामले में पद रिक्त होते हुए भी जिस तरह पद रिक्त होने से इन्कार कर उनकी पदोन्नति की आस पर तुषारापात कर दिया है वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है । कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने इस विभाग में लम्बित ऐसे प्रकरणों को तलब कर लें तो राजकाज की वास्तविकता स्वत: उनके सामने आ जायेगी । ऐसे मामलों में जवाबदेही को जरुरी बताते हुए श्री पाण्डे का कहना है कि ऐसे मामलों से ही हड़ताल की स्थिति उत्पन्न होती है और सरकार की छवि भी धूमिल होती है ।


11 दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी ने आडिट आफिसर के रिक्त 04 पदों के पदोन्नति के होने के पक्ष में निदेशक को भेजा यह पत्र-

सेवा में,
निदेशक
लेखा परीक्षा(ऑडिट)
उत्तराखंड ।

द्वारा – उचित माध्यम ।
विषय – सेवानिवृति से पूर्व पदोन्नति के संबंध में । महोदय,
कृपया उपर्युक्त विषयक निदेशालय पत्रांक 1182 दिनांक 02-12-21 जिसके द्वारा प्रार्थी के उक्त विषयक अंतिम अनुरोध पत्र दिनांक 09-10-21 का प्रत्युत्तर दिया गया है, का संदर्भ ग्रहण करने की कृपा करें ।
उक्त संदर्भ में अत्यंत खेद का विषय है कि निदेशालय पत्रांक 408 दिनांक 19-07-21 द्वारा लेखा परीक्षा अधिकारी के पदोन्नति के पद रिक्त नहीं होने की जानकारी देते हुए पदोन्नति की आस पर तुषारापत कर दिये जाने के बाद भी प्रार्थी द्वारा इस आस को फलीभूत करने के लिए चयन वर्ष 2021-22 हेतु वर्तमान में रिक्त लेखा परीक्षा अधिकारी के 04 पदों के सापेक्ष पदोन्नति सुनिश्चित किए जाने हेतु प्रकरण शासन को प्रेषित किए जाने का अंतिम अनुरोध किया गया था लेकिन इस अनुरोध को स्वीकार न कर पूर्व में दी गई जानकारी को दोहराते हुए उक्त प्रत्युत्तर दिया गया है । इस क्रम में उल्लेखनीय है कि उक्त पद पर पर पदोन्नति को लेकर लंबे समय से तनाव से जूझते हुए अंतिम अनुरोध पत्र प्रेषित करने के बाद प्रार्थी ने स्वयं को सहज कर लिया था लेकिन उक्त प्रत्युत्तर में जिस हिसाब से उक्त 04 पदों को पदोन्नति का पद नहीं माना गया है उससे हतप्रभ व आहत प्रार्थी को पुनः अपना मत निम्नानुसार व्यक्त करने के लिए बाध्य होना पड़ा है ।
1- यह कि विभागीय ढांचे में पदों की कटौती के फलस्वरूप उत्पन्न विवाद के निपटारे (सेटलमेंट) हेतु दिनांक 03 जून 2019 को शासन स्तर पर तत्समय कार्यरत समस्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों को लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर एक बार पदोन्नति दिये जाने की सहमति हुई थी । इस सहमति के बाद बनी सेवानियमावली के नियम 05 के अनुसार 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने थे तथा 50 प्रतिशत पद मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों जिन्होंने भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को इस रूप में 05 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो , अनुपयुक्त को अस्वीकार करते हुए ज्येष्ठता के आधार पर भरे जाने थे । परन्तु चयन वर्ष 2019-20 में उपलब्ध समस्त रिक्तियों ( सीधी भर्ती के पदों सहित ) को केवल एक बार के लिए पदोन्नति हेतु अर्ह सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों में से अनुपयुक्त को अस्वीकार करते हुए ज्येष्ठता के आधार पर आयोग के माध्यम से पदोन्नति से भरा जाना था । इस आधार पर 28 जनवरी 2021 को लेखा परीक्षा अधिकारी के कुल स्वीकृत 28 पदों में से रिक्त 15 पदों के सापेक्ष 14 की पदोन्नति के आदेश जारी हुए जिसमें 28 जून 2014 को जारी एक ही आदेश से पदोन्नत सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों में से 01 जुलाई 2019 को 05 साल पूर्ण करने वाले तो पदोन्नति पा गए और 02/ 03 जुलाई को 05 साल पूर्ण करने वाले पदोन्नति से वंचित हो गए । इस प्रकार पदोन्नति के मूल आधार ज्येष्ठता सूची को नज़रअंदाज़ करते हुए हुई इन पदोन्नतियों में 03 वरिष्ठ कार्मिकों सहित प्रार्थी के भी पदोन्नति से वंचित हो जाने से पुनः विवाद उत्पन्न हो गया । इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ही प्रार्थी द्वारा विवाद के अंतिम निपटारे (final seitalment ) हेतु प्रकरण शासन को प्रेषित किए जाने का अनुरोध किया गया था ।

2- निदेशालय द्वारा दिनांक 2-12-21 को दिये गए गए प्रत्युत्तर में कुल 28 पदों के सापेक्ष वर्तमान में 24 के कार्यरत होने की जानकारी दिये जाने से इस बात की पुष्टि की गई है कि 04 पद रिक्त हैं लेकिन पदोन्नति से भरे जाने वाले 14 पदों के सापेक्ष 17 के कार्यरत होने के संबंध मे दी गई जानकारी से प्रार्थी सहमत नहीं है । व्यवस्था के अनुसार प्रार्थी के हिसाब से एक बार पदोन्नति हेतु निर्धारित आधार वर्ष 2019-20 में रिक्त पदों का विवरण निम्न है –
विवरण। सीधी भर्ती । पदोन्नति। कुल
स्वीकृत पद 14 14 28
भरे गए पद 07 06 13
रिक्त पद 07 08 15

जनवरी 21 में उक्त 15 रिक्त पदो के सापेक्ष 14 की पदोन्नति हुई जिसमें 06 सीधी भर्ती के पदों के सापेक्ष तथा 08 पदोन्नति के पदों के सापेक्ष थे । बाद में पदोन्नति के पदों के सापेक्ष पदोन्नत कार्मिकों में से 02 कार्मिको की सेवानिवृति तथा एक की मृत्यु के फलस्वरूप 03 पद रिक्त हुए । इस प्रकार पदोन्नति के कुल 04 पद रिक्त हैं जिनमें से एक पद जिस पर तत्समय निर्धारित 05 वर्ष की सेवा अवधि में एक दिन कम होने के कारण पदोन्नति नहीं हुई , को वर्तमान में पदोन्नति हेतु शिथिलीकरण नियमावली 2010 के बहाल हो जाने के फलस्वरूप शिथिलीकरण का लाभ देते हुए भरा जाना अपेक्षित है ।
3- यह कि प्रार्थी की सेवानिवृति में अब मात्र 14 दिन शेष हैं । प्रार्थी लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए 03 जुलाई 2019 से पूर्ण पात्र है और उक्तानुसार पदोन्नति के पद भी रिक्त हैं ।
निदेशालय द्वारा दिये गए प्रत्युत्तर में बताया गया है कि लेखा परीक्षा अधिकारी के पदोन्नति के पद रिक्त नहीं है । इससे स्पष्ट है कि निदेशालय द्वारा उक्त रिक्त 04 पदों को सीधी भर्ती का पद माना जा रहा है लेकिन प्रार्थी की जानकारी के अनुसार अभी तक सीधी भर्ती हेतु अधियाचन भी नहीं भेजा गया है । इस प्रकार इन पदों को लेकर उत्पन्न सस्पेंस की स्थिति को तत्काल समाप्त करते हुए प्रार्थी की पदोन्नति की आस को फलीभूत किया जाना अपेक्षित है ।
दिनांक – 17-12-2021
भवदीय ,
रमेश चन्द्र पाण्डे (सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी अल्मोड़ा )

प्रतिलिपि – समस्त कार्मिक सेवा संघो के सम्मानित पदाधिकारियों को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित ।

सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी