उत्तराखंड बेरोजगार संघ पर लाठीचार्ज कांड में
कमिश्नर की जांच रिपोर्ट को निरस्त करने की
दोषी अधिकारियों को दंडित करने की
विभिन्न संगठनों ने गवर्नर को ज्ञापन प्रेषित किया उठाई मांग


देहरादून,17 मार्च : अब जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के युवाओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर गलती स्वीकार करते हुए बेरोजगारों पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लेने की विधानसभा सत्र के दौरान घोषणा कर दी है, ऐसे में लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्यवाही होनी चाहिए तथा इस संदर्भ में गढ़वाल कमीश्नर की एकतरफा रिपोर्ट को अविलंब निरस्त किया जाना चाहिए। सभी शीर्षस्थ अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए, जो सही मायनों में इस घटना के लिये जिम्मेदार हैं। इसी संदर्भ में आज विभिन्न राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों तथा ट्रेड यूनियनों ने महामहिम राज्यपाल को सात सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत कर उस पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है।

ज्ञापन में सीपीएम के सुरेंद्र सिंह सजवाण ,सीपीआई के गिरधर पण्डित, माले के इन्द्रेश मैखुरी, यूकेडी के उत्तम सिंह, राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के नवनीत गुंसाई, महिला मंच की निर्मला बिष्ट, जनवादी महिला समिति की इन्दु नौडियाल , अभिवाहक संघ की उर्मिला, किसान सभा के गंगाधर नौटियाल, पीपुल्स फोरम के जयकृत कंडवाल, एसएफआई के हिमांशु चौहान, डीएवी छात्र संघ की उपाध्यक्ष सोनाली नेगी,चेतना आन्दोलन के गणेशन, पीपुल्स साइंस मूवमेंट के विजय भट्ट, जनसंवाद के सतीश धौलाखंडी ,जन-सरोकार से त्रिलोचन भट्ट ,पहाड़ी पार्टी से नेगी ,सीटू से लेखराज ,एटक से अशोक शर्मा, इन्टक के पंकज क्षेत्री के अलावा ,राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश ,दमयंती नेगी ,एस एस रजवार ,कमरूद्दीन , नुरैशा ,नितिन मलेठा ,प्रेंमसिंह दानू ,अभिषेक भंडारी ,बालेश बवानिया ,शम्भु प्रसाद म़मगाई ,भगवन्त पयाल व सुधा देवली आदि के हस्ताक्षर शामिल हैं।

क्या हुआ था उत्तराखंड बेरोजगार संघ के मसले पर बजट सत्र में यह जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

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