देहरादून: देश में आजकल नफरत, भीड़ की हिंसा, बड़ी कंपनियों का राज, एवं अन्य जन विरोधी नीतियां को तेजी से लागू किया जा रहा है। यह जनहित और प्रगतिशील ताकतों के लिए बहुत चिंताजनक स्थिति है।

उत्तराखंड के सन्दर्भ में इस पर विचार करने के लिए राजनैतिक पार्टियों के पर्तिनिधियों एवं जन संगठनों के लोग एक साथ एकत्र हुए। इस बैठक में राज्य में EVM, भीड़ की हिंसा, वनों पर लोंगो का अधिकार, महिला उत्पीड़न, दलित उत्पीड़न, बेरोजगारों का उत्पीड़न और मज़दूरों के अधिकारों के संघर्षों को आगे कैसे बढ़ाया जा सकता है, जैसे मुद्दों पर वक्ताओं ने विचार रखे व भविष्य में एकजुट संघर्ष के लिए आह्वान किया।

वक्ताओं में चेतना आंदोलन से शंकर गोपाला कृष्णन,
समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर एस एच सचान, भारत ज्ञान विज्ञान समिति से विजय भट्ट, उत्तराखंड पीपुल्स फोरम से जयकृत कंडवाल, उत्तराखंड महिला मंच से निर्मला बिष्ट, जनसंवाद से त्रिलोचन भट्ट, राष्ट्रीय सेवादल एनपीएम से जबर सिंह वर्मा, जेडीएस से हरजिंदर सिंह, उत्तराखंड युवसेना से सुशील चौधरी, वनाधिकार कानून आंदोलन से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, मुस्लिम सेवा संगठन से नईम कुरैशी, संवेदना से गीता गैरोला व डॉ जितेंद्र भारती, यूकेडी से जबर सिंह पावेल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से पीसी तिवारी ने बैठक में वक्ता के रूप में अपना पक्ष रखा!

उपरोक्त वक्ताओं के अलावा भारी संख्या में चेतना आंदोलन, उत्तराखंड महिला मंच आदि सामाजिक संगठनों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएँ, पत्रकार, अधिवक्ता आदि 80 के करीब लोग मौजूद रहे जिनमें कमलेश खंतवाल, अम्बुज शर्मा, पद्मा गुप्ता, प्रेम सिंह दानु, विलास गौड़, बीना सकलानी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, शकुंतला मुंडेपी, राधा रावत, इरफ़ान, मंशाराम, घनश्याम, सुनील खरवार, गोविंद तिवारी, प्रवेश खंतवाल, मंशाराम, मंजीत, सुरेंद्र भंडारी, कुंदन सिंह सयाल, कमल, विजयपाल, विनोद, नरेश, राजकुमार, शांति देवी, शांति सेमवाल, शांति नेगी, विद्या डोभाल, अशोक कुमार, राजेश दास, प्रभु महतो, बृजमोहन नेगी, विजय रावत, दीपा देवी मातेश्वरी रजवार, कुलदीप मधवाल, जहूर आलम, सुशील कुमार, सूरज कुमार, अनिल सिंह, सत्यनारायण, रामदीप, पप्पु प्लम्बर आदि मौजूद रहे।बैठक की अध्यक्षता कॉमरेड बच्चीराम कंसवाल व संचालन समाजसेवी भार्गव चन्दोला ने किया! बैठक के मध्य जनसंवाद समिति के सतीश धौलाखंडी द्वारा जनगीत प्रस्तुत किया गया।