उत्तराखंड में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ आज बड़ी संख्या में विधान सभा उत्तराखंड आज उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ एव एस एफ आई के कार्यकर्ता फुआरा चौक पर एकत्रित हुए तथा जुलूस की शक्ल में विधानसभा के समक्ष जोरदार नारेबाजी की गई| इस अवसर पर बेरोजगारों ने उत्तराखंड में पदों पर प्रतिबंध की कड़ी आलोचना की कड़ी आलोचना की तथा राज्य सरकार से मांग की कि सभी बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए| इस अवसर पर बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्रीय मांग पत्र भी प्रस्तुत किया|

1- उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा हाल ही में लिए गए फैसले को (उपनल के माध्यम से सभी को नौकरी के द्वार खोल दिए गए हैं) वापस लें और प्रदेश में बैक डोर नियुक्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएं अस्थाई नौकरियों की जगह स्थाई नौकरियों का प्रावधान हो एंव उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की नियुक्ति लिखित परीक्षा के माध्यम से ही हो।

2- वन आरक्षी परीक्षा एसआईटी रिपोर्ट को जल्द पूरी कर सार्वजनिक की जाएं।

3- पुलिस विभाग में सिपाही की अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष बढ़ाकर जल्द ही पुलिस सिपाही एंव दरोगा की विज्ञप्ति जारी की जाए।

4- 2016 से अभी तक उत्तराखंड पीसीएस की विज्ञप्ति जारी नहीं हुई जल्द ही उत्तराखंड पीसीएस एवं लोअर पीसीएस की विज्ञप्ति जारी करें।

5- उत्तराखंड को बने हुए 20 वर्ष हो चुके हैं परंतु अभी तक किसी भी आयोग द्वारा वार्षिक कैलेंडर जारी नहीं किया जाता है।आगामी निकलने वाली विज्ञप्तियों के साथ वार्षिक कैलेंडर व सिलेबस जारी हो। जिसमें एक परीक्षा को पूर्ण करवाने का अधिकतम समय 1 वर्ष हो।

6- लंबे समय से रुकी हुई जैसे भर्तीयां VDO, VPDO, AE, JE, पटवारी, एलटी, प्रवक्ता आदि पदों पर जल्द ही विज्ञप्ति जारी करें।

7- पदनाम लेखालिपिक एवं आशुलिपिक/वैयाक्तिक सहायक विज्ञापन में ऐसे दिव्यांग अभ्यार्थी जो इस परीक्षा की शैक्षिक योग्यता को पूर्ण करते हों उन्हें भी इस परीक्षा में शामिल किया जाएं।

8- शारीरिक शिक्षकों, कंप्यूटर शिक्षकों, डाइट डीएलएड एवं बीएड टीईटी के अभ्यर्थियों को जल्द ही नियुक्तियां दी जाएं।

9- अपर निजी सचिव (2017) की मुख्य परीक्षा से वंचित किए गए सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान करें।

10- B.sc हॉर्टिकल्चर स्टूडेंट्स एवं M.sc हॉर्टिकल्चर स्टूडेंट को कृषि/रेशम विभाग/मधुमक्खी पालन विभाग की नौकरियों में शामिल किया जाएं।

11- वैयक्तिक सहायक एवं अपर निजी सचिव के पदों पर 1 वर्षीय डिप्लोमा की बाध्यता को समाप्त किया जाए अथवा किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान के डिप्लोमा को मान्य किया जाए।

इस अवसर पर वक्ताओं ने मांग की की शिक्षा एवं रोजगार की मांग को लेकर वर्षो से संघर्षरत छात्र युवाओं की मांगों को पूरा किया जाए इन मांगों में सबको शिक्षा सबको काम की मांगे प्रमुख प्रमुख हैं इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य में शिक्षा व रोजगार की बदतर हालात को देखते हुए शीघ्र ही राज्य सरकार को रोजगार के अवसरों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति करनी चाहिए और शिक्षा के अक्षरों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए राज्य बजट का कम से कम 30 परसेंट शिक्षा पर खर्च होना चाहिए इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की कोविड-19 के चलते शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए हैं अधिकांश शिक्षण संस्थान छात्रों से अनावश्यक फीस वसूली कर रहे हैं इस पर रोक लगानी चाहिए वक्ताओं ने कहा है कि आज सरकारी ऑनलाइन एजुकेशन के नाम पर छात्रों व शिक्षकों अभिभावकों का उत्पीड़न करने में लगी हुई हैं जिस कारण यह सभी त्रस्त हैं राज्य में अधिकांश परिवारों की हालत ऐसी नहीं है कि वह सरकार की ऑनलाइन की शर्तों को पूरा कर सकें क्योंकि कोविड-19 के बाद राज्य के आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है और अधिकांश लोग रोजगार गवा चुके हैं ऐसे में वे ऑनलाइन एजुकेशन तथा सरकार द्वारा लगाए गए करो को कैसे पूरा कर सकते हैं वक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 की आड़ में सरकार आम जनता का उत्पीड़न कर रही है जिस कारण आम जनता में भारी रोष व्याप्त है इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार छात्र- नौजवानों की मांगे पूरी नही करती है तो आने वाले दिनों में शिक्षा-रोजगार के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा| इस अवसर पर बॉबी पंवार,एस.एफ़.आई.राज्य सचिव हिमांशु चौहान,राज्य अध्यक्ष नितिन मलेथा, शैलेंद्र परमार,अमन कण्डारी, मोहित बिष्ट,मनोज कुँवर ,सोनाली नेगी, सार्दुल ,अतुल कांत,संजय कुनियाल, सुरेश सिंह, सबल चौहान, खजान, सुरेन्द्र सिंह पांगती ( पूर्व कमीशनर गढ़वाल मंडल ), पी.सी.थपलियाल, सौरभ भट्ट, जुबिन सिद्दीकी, , दर्शन डोभाल, रिंकेश भट्ट, बड़ोनी, सतपाल चौहान, दिनेश चौहान, अखिल तोमर, बिनोद बगियाल, जगदीश पाण्डेय, अर्जुन लिंगवाल, हरेंद्र खत्री, आदि लोग शामिल थे।

 

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