देहरादून, 31 दिसम्बर: साल की आखरी कैबिनेट के साथ ही राज्यान्दोलनकारीयों के सब्र का भी खत्म होता जा रहा है। उम्मीद की आखरी किरण भी कैबिनेट बैठक के साथ समाप्त हो गई।
पिछले 4 दिनों से उपवास में बैठे आंदोलनकारीयों के समर्थन में पहुंचे स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश संयोजक सुरेन्द्र जी व स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्तीय प्रदेश संघर्ष वाहिनी के प्रमुख प्रवीण पुरोहित ने आज मुख्यमंत्री मंत्री से माँग करी कि वह आंदोलनकारियों की जायज़ माँग पर तुरंत कार्यवाही करें अन्यथा इनके द्वारा उठाये गये आत्मघाती कदम की जिम्मेदारी किसकी होगी यह भी तय कर लें। उन्होंने कहा जब केस सरकार हारी है तो खामियाजा ये लोग क्यों भुगत रहें है।

उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर इन्होंने भी वादा खिलाफ़ी करनी है तो इनमें और पहले वालों में क्या फर्क रह गया। पिछली कैबिनेट में तो हम लोगों ने हरक सिंह के उपद्रव के कारण माफ़ कर दिया था मगर आज की बैठक के बाद तो सरकार की मंशा ही साफ हो गई।

पीड़ित आंदोलनकारी मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती ने कहा समय सीमा समाप्त हो चली है अब सरकार कल की तैयारी कर ले। अब जो भी होगा उसे देखने कल सुबह आना होगा।

आज धरने में बैठने वालों में देव नॉटियाल,वीरेन्द्र रावत,गणेश शाह,सूर्यकांत बमराड़ा,मनोज कुमार,राम किशन,क्रांति कुकरेती, जगदीश चंद पंत आदि थे आज उनके समर्थन में पूर्व राज्य मंत्री सुशील बलूनी,रविन्द्र जुगराण, आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी,निर्मला बिष्ट,अनुज नॉटियाल, वेदिका वेद आशीष बिष्ट,महिपाल सिंह नेगी,प्रभा नैथानी, विजयलक्ष्मी सेमवाल पुष्पा बहुगुणा,वेदानंद कोठारी, सुशील विरमानी, सुलोचना भट्ट, लक्ष्मी मलासी, विक्रम भंडारी,वेद प्रकाश शर्मा, गंभीर सिंह मेवाड़, विक्रम सिंह बिष्ट, स्वर्ण सिंह रावत,सोम प्रकाश मैथानी, सुरेश नेगी, नवनीत गुसाईं, विकास रावत, सरोजिनी थपलियाल, सुनीता नौटियाल, चंदन सिंह, प्रदीप कुकरेती, महेंद्र सिंह रावत, सत्येंद्र नौगाई,रामपाल सिंह, मनोज आहूजा, अमित तिवारी, ललित कुकरेती, गीता नेगी पूर्ण सिंह लिंगवाल, सत्या पोखरियाल, रेखा शर्मा, रविंद्र प्रधान, उषा मनोरा, युद्धवीर सिंह चौहान, आदि लोग मौजूद थे।

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