प्रदेश की दशा और दिशा देखते हुए ,
उत्तराखंड के ज्वलन्त मुद्दों पर किया लड़ने का एलान ।
देहरादून 11 दिसम्बर : उत्तराँचल प्रेस क्लब में USF(उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन) का पुनर्गठन किया गया। जिसमें उत्तराखंड के जनसरोकारों एवं छात्रों के हितों के लिए लड़ने का संकल्प लिया गया। यूएसएफ ने राज्य आंदोलन के समय भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। एक लंबे समय के बाद राज्य के हालात और छात्रों की दशा को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष अनिरुध काला के नेतृत्व में USF को पुनर्गठित किया गया, जिसमें प्रदेश संयोजक की ज़िम्मेदारी सोमेश बुडाकोटी, गढ़वाल मंडल संयोजक लुसुन टोडरिया को, कुमाऊँ मण्डल संयोजक धीरज नेगी को बनाया गया। संरक्षक मंडल में उत्तरा पंत बहुगुणा, मीनाक्षी घिल्डियाल, सुचेता शर्मा, डाo पंकज पैनुली, विजय तोमर, डाo मुकुल शर्मा को शामिल किया गया है। इन पहाडवाद वी ट्रस्ट नारे के साथ यूएसएफ के झंडे, लोगो, और वेब साइट को लॉंच किया गया। यूएसएफ का लक्ष्य फ़्री शिक्षा, ज़्यादा यूनवर्सटीज़, पहाड़ी छात्रों को आरक्षण के साथ क्षेत्रीयता को बढ़ावा देना होगा।
यूएसएफ प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद काला ने कहा कि राज्य के युवा छात्रों की बदहाल होती दशा को देखते हुए एक ऐसे संगठन की आवश्यकता थी जो युवा राज्य को सही दिशा दे सके और उनके हितों की रक्षा कर सकें। इसके लिए आज यू एस एफ का पुनः गठन किया गया है। मौजूदा स्तिथि को देखते हुए यू एस एफ एक नए रंग एवं उद्घोश के साथ छात्रों के बीच होगा।
प्रदेश संयोजक सोमेश बुडाकोटि ने कहा छात्रों को अपने स्वर्णिम भविष्य के लिए छात्र राजनीति से स्थितियां ठीक करने की आवश्यकता है जिसके चलते युवाओं से आवाहन किया है कि वह सक्रिय राजनीति से जुड़कर अपने भविष्य एवं चरित्र निर्माण के लिए आगे आए।
गढ़वाल मंडल संयोजक लुसुन टोडरिया ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड स्टूडेंट फ़ेडरेशन का गठन हुआ था, यूएसएफ द्वारा उत्तरकाशी से लेकर सीमांत पिथौरागढ़ के युवाओं को संगठन से जोड़ा जाएगा और अपने हितों की रक्षा के लिए कॉलेज से लेकर सड़कों तक युवा संघर्ष करेंगे।
संरक्षक मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहा आज की भ्रष्ट होती राजनीति में युवाओं और छात्रों का इस्तेमाल स्वयं के हितों के लिए हो रहा है। यूएसएफ लक्ष्य छात्रों में राजनीति की समझ को विकसित कर सही दिशा में ले जाने का है। उन्होंने यह भी कहा की राज्य की दिशा और दशा को सुधारने के लिए कोई मसीहा नहीं आने वाला छात्रों को स्वयं ही मसीहा बनना पड़ेगा।
संरक्षक डॉ पंकज पैन्यूली ने कहा छात्र प्रदेश का भविष्य है और आज प्रदेश में छात्रों की दशा दिशा प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है जो बहुत बड़ी चिंता का विषय है जिसके लिए यूएसएफ का पुनः गठन किया जा रहा है जो आने वाले भविष्य में छात्र हितों की उसी प्रकार रक्षा करेगा जैसे उत्तराखंड आंदोलन के समय युवाओं ने राज्य हित के लिए लड़ाई लड़ी।
उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन ने धर्मानंद उनियाल महाविद्यालय नरेंद्रनगर में कोषाध्यक्ष पद अंजली रावत और उपाध्यक्ष पद पर मनोरमा रावत को उम्मीदवार घोषित किया है । कार्यक्रम में वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी अंबुज शर्मा व प्रदीप कुकरेती ने अपने अमूल्य सुझाव देकर भविष्य में फेडरेशन को समर्थन देने का वादा किया।
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“वो आज मशहूर हो गए,जो कभी इसके काबिल न थे मंजिलें उनको मिली, जो इस दौड़ में शामिल न थे” से अपने संबोधन की शुरुवात करते हुए जनगीतकार वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी जयदीप सकलानी उर्फ़ जेडी भाई ने 1994 के राज्य आन्दोलन के इतिहास व अपने अनुभवों को साझा किया, जिसे दूरस्थ जिलों से आये युवाओं एवं छात्रों द्वारा बेहद सराहा गया। इसके बाद वहां मौजूद सभी लोगों ने एक स्वर में उनसे फेडरेशन का मार्गदर्शन करने हेतु संरक्षक बनने की गुजारिश की, जिसे उन्होंने अपनी व्यस्तताओं और समयाभाव की बात कहते हुए टालने की कोशिश भी करी, मगर छात्रों द्वारा उत्तराखंड दशा और दिशा के सवाल पर वह संरक्षक बनने को राजी हो गए। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाली गतिविधियों के समय अगर वह शहर में रहें तो उनकी पूर्ण सहभागिता रहेगी ।
वरिष्ठ पत्रकार डीपी उनियाल ने फेडरेशन को शुभकामनाएं देते हुए उसे मजबूत करने का संकल्प लिया ।
कार्यक्रम में पौड़ी से गौरव रावत,पिथौरागढ़ से ह्रदयेश शाही,प्रतापनगर से अम्बिका प्रसाद पैन्यूली, नरेंद्रनगर से अनिल खत्री,प्रमोद कैंतुरा, उत्तरकाशी से आशीष नौटियाल, देहरादून से विजय प्रताप, अभिषेक भट्ट, कुलदीप सेमवाल,प्रमोद काला,विजय सिंह तोमर, अशोक सिंह आदि ने भी अपने विचारों को साझा किया । कार्यक्रम का समापन जयदीप सकलानी ने चन्दन सिह नेगी के चर्चित गीत “बैठकों में ‘हल’ टंगे हैं, बल हमारे गाँव में “ आये हुए सभी साथियों के साथ गुनगुनाते हुए किया ।