देहरादून, 17 फ़रवरी : बेरोजगार युवाओं की जेेल से हुई सशर्त रिहाई पर प्रतिक्रिया करते हुए उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच ने कहा कि इससे भर्तियों में हुई धांधली के खिलाफ आवाज उठाने वाले खौफ में हैं और धांधली करने वाले बेखौफ हो गये हैं । राज्य में उत्पन्न ऐसे अजब गजब हालातों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए एकता मंच के संस्थापक अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने सरकार से लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण इन हालातों से उत्तराखण्ड को उबारने के लिए बेरोजगारों पर थोपे गये मुकदमों को तत्काल वापस लेने की मांग की है ।

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विकास मे बाधक हडताल जैसे अप्रिय आन्दोलनों के प्रति जवाबदेही के लिए मुखर कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि भर्तियों में धांधली की जिस बात को लेकर बेरोजगारों ने आन्दोलन किया उस बात को नजरअंदाज करते हुए सरकार ने शुरु से ही आन्दोलन को कुचलने की रणनीति पर काम किया और लाठियों से लहुलुहान कर बेरोजगारों को जेल में डाल दिया । एकता मंच इस आन्दोलन के कारणो की समीक्षा करते हुए जवाबदेही तय करने की पुरजोर मांग करता है । उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि समीक्षा का निष्कर्ष अगर यह आता है कि जिस बात को लेकर ये आन्दोलन हुआ वह बात निराधार व गलत है तो बेशक इन बेरोजगारों को दण्डित किया जाय अन्यथा उत्तरदायी को चिन्हित कर उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय ।
उन्होने कहा कि अगर सरकार ये समझ रही है कि उसने ” गलत को गलत कहने के लिए उठी आवाज को यूं दबा दिया है तो यह सरकार की गलतफहमी है । जवाबदेही के लिए शहीदों के सपने के रुप में आवाज दो हम एक हैं ! के नारे को धरातल पर साकार करने के लिए संकल्पबद्ध एकता मंच गलत को गलत कहने के लिए उठी इस आवाज से आवाज मिलाने के लिए जन-जागरण करेगा और पूरे मामलें में जब तक जवाबदेही सुनिश्चित नहीं होगी तब तक किसी भी सूरत में इस आवाज को दबने नहीं देगा ।

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