देहरादून, 8 मार्च: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देहरादून के उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के तत्वाधान सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट सुषमा जुयाल अंथवाल व विशिष्ट अतिथि के रूप में रचना गैरोला व भाजपा की मसूरी मंडल की अध्यक्ष पुष्पा पडियार थीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के पश्चात प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री गिरधर शर्मा एवं प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष मनमोहन शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यूनियन के संरक्षक व उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष नवीन थलेड़ी ने मुख्य अतिथि जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी.एन.आई. गर्ल्स इंटर कॉलेज से करने के बाद डीबीएस पीजी कॉलेज से स्नातक किया । इंटर कॉलेज में पढ़ाई के साथ वह , वहां की बास्केटबॉल टीम की कप्तान होने के साथ ही वहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही । इसके पश्चात् महिला दिवस पर अपनी बात रखते हुऐ उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आना होगा तभी स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। महिला दिवस पर सम्मानित होने वाले पत्रकार साथियों को उनके कार्यक्षेत्र में किए जा रहे योगदान के आधार पर सम्मान मिलना उनका अधिकार भी है और हक भी है। इससे उन्हें प्रोत्साहन मिलता है।

उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष जितेन्द्र अंथवाल ने जन कवि अतुल शर्मा की कविता औरत की पीठ पर बंधा बच्चा है पहाड़ का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं को अब राजनीति के क्षेत्र में भी आगे आना होगा। राजनीतिक दलों द्वारा अभी तक महिलाओं को पीछे धकेलने का कार्य किया गया है। इस प्रवृत्ति को अब त्यागना होगा और महिलाओं को बराबरी का हक देना होगा। उन्होंने 2026 के परिसीमन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए महिलाओं से कमर कसने का आह्वान करते हुए कहा कि इस परिसीमन के बाद पहाड़ में विधायकों की संख्या कम हो जायेगी जिससे राज्य की मूल अवधारणा खतरे में आ सकती है।

यूनियन के प्रचार मंत्री शूरवीर सिंह भण्डारी ने अपने संबोधन में पहाड़ की महिलाओ को जुझारू व कर्मठ बताते हुए समाज पर हिप्पोक्रेट होने का आरोप लगाया व उनके लिए आरक्षण की पैरवी करते हुए कहा कि पहले पत्रकारिता जगत में काफी महिलाएं आती थी अब कम ही दिखाई देती है ।

प्रेस क्लब के महासचिव ओ पी बेंजवाल ने अपने सूक्ष्म सम्बोधन में किसी महापुरुष के शब्दों का उल्लेख करते हुए – किसी भी सभ्य, विकसित और श्रेष्ठ समाज का निर्माण उस देश के शिक्षित नागरिकों द्वारा किया जाता है और नारी इस निर्माण की केवल महत्वपूर्ण आधार ही नहीं, बल्कि अनिवार्य शर्त है। जब आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो केवल एक आदमी शिक्षित होता है लेकिन एक स्त्री के शिक्षित होने से पूरी पीढ़ी शिक्षित होती है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं का एक विशेष स्थान है और उन्हें आरक्षण देकर इस सम्मान से वंचित नहीं करना चाहिए हम लोग सिर्फ महिलाओं को इंसान समझ ले कितना ही हमारे लिए बहुत है

यूनियन के कोषाध्यक्ष मनमीत रावत ने इतिहास के इतिहास के पन्नों को उलटते हुऐ बताया 10 लाख साल पहले इस दुनिया में महिलाओं की सत्ता थी, जो धीरे-धीरे पुरुषों द्वारा परिवर्तित कर दी गई । शादी के सात फेरों के सात वचनों का उदहारण देते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह उसमें भी 6 वचन महिलाओं को बंधन में बांधने का कार्य करते हैं और सिर्फ एक वचन जिसमें पुरुष सिर्फ उसकी आर्थिक पूर्ति व् सामाजिक सुरक्षा का वचन देता है ! इस पर आज पुनर्विचार करने की आवश्यकता है

स्वतंत्र पत्रकार वर्षा सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शीर्ष पदों पर बैठी महिलायें सामाजिक व आर्थिक रूप से संम्पन हैं और समाज में अपना योगदान दे रही हैं जरूरत तो उन घरेलू महिलाओं संबल देने की है जिनके द्वारा किये जा रहे घरेलू कार्यों को आज सम्मान नहीं दिया जाता, पूर्व से ही ये सभी कार्य एक मान्यता के तहत उसके कार्यक्षेत्र में जोड़े जा चुके हैं और उसे ये करने ही हैं। इस अवैतनिक कार्य की प्रशंसा व मान उसे बहुत कम परिवारों में ही मिल पाता है । प्रायः सुबह से लेकर देर रात तक वह परिवार के विभिन्न कार्यों में उलझाी रहती है। उसकी अपनी स्वयं की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में उसकी सहायता की जाये।

सम्मानित हुई महिला पत्रकारों द्वारा कहा गया की महिला दिवस एक दिन का नहीं होना चाहिए यह तो एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए । आज महिलाओं को पूजने की कोई जरूरत नहीं, बस समाज उन्हें इंसान का दर्जा दे-दे इतना ही काफी है ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुषमा जुयाल अंथवाल ने कहा कि सनातन धर्म में पुरूष व महिला को शिव व शक्ति का समावेश माना गया है। इसलिए सभी बराबर है। सोच में बदलाव लाना पडे़गा ,और समझना होगा कि सामाजिक दृष्टिकोण से सभी को अभिव्यक्ति का अधिकार है, सब एक समान है। उन्होंने कहा कि शुरू से ही महिलाओं को संरक्षित करने के लिए उन्हें संविधान प्रदृत अधिकार दिए गए। इसी का नतीजा है कि पुरूषों की तुलना में महिलाओं आज पीछे नहीं हैं। महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए स्वस्थ मन व कर्तव्य बोध समझते हुए इनका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने महिला पत्रकारों को सम्मानित किए जाने की उत्तराखंड पत्रकार यूनियन की पहल का स्वागत किया । इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट की वकील सुषमा जुयाल अंथवाल ने महिला पत्रकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि संविधान में महिलाओं को पुरूषों की अपेक्षा अधिक अधिकार दिए है। महिलाओं को अपनी ताकत को पहचानना होगा। इस अवसर पर उन्होंने एक कविता का पाठ भी किया ।

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह कण्डारी ने कहा कि आज की पत्रकारिता के सामने कई चुनौतियां बढ़ गई है। बावजूद इसके महिला पत्रकार ईमानदारी व लगन से पत्रकारिता कर रही है। पत्रकारिता के अलावा सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। 

आज उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित होने वाली महिला पत्रकार

मीना नेगी : देहरादून निवासी मास कम्युनिकेशन पंजाब केसरी दैनिक भास्कर वर्तमान में आई नेक्स्ट दैनिक जागरण संवाददाता के रूप में पिछले 15 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में है

विजयलक्ष्मी भट्ट: जन्म -उत्तरकाशी, सामाजिक विज्ञान में स्नातकोत्तर, पिछले साल से दैनिक अमर उजाला, देहरादून में कार्यरत।

सरिता नेगी: राष्ट्रीय सहारा (जूनियर सब एडिटर) पिछले 13 वर्षों से राष्ट्रीय सहारा में कार्यरत इससे पूर्व ढाई वर्षो तक दैनिक page3 अखबार में गोपेश्वर देहरादून में कार्य कर चुकी हैं।

वर्षा सिंह : स्वतंत्र पत्रकार पत्रकारिता क्षेत्र में 18 वर्ष का अनुभव, पत्रकारिता में स्नातकोत्तर लखनऊ विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन 2002 से 2015 तक सहारा समय न्यूज़ चैनल 2015 से 2016 तक दूजे संघ में ऑल इंडिया रेडियो में न्यूज़ रीडर । 

उषा रावत: जन्म स्थान रामनगर, दैनिक हिंदुस्तान में कार्यरत है । देहरादून में निवास करती है ।

रचना गैरोला : शिक्षा के क्षेत्र में में उनके महत्वपूर्ण योगदान को लेकर सम्मानित किया गया ।

रश्मि खत्री : एम् के पी से इंटर करने के बाद डीएवी से स्नातक वर्तमान में हिंदुस्तान में कार्यरत ।

कार्यक्रम का संचालन उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रदेश महामंत्री हरीश जोशी द्वारा किया गया । इस अवसर पर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष मनमोहन शर्मा, प्रेस क्लब व यूनियन के पूर्व महामंत्री गिरिधर शर्मा, प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री संजय घिल्डियला, यूनियन के उपाध्यक्ष आशीष ध्यानी, यूनियन के संगठन मंत्री विनोद पुण्डीर, यूनियन के सचिव सुशील रावत, यूनियन के गढ़वाल मण्डल प्रभारी संजय किमोठी, प्रेस क्लब की कनिष्ठ उपाध्यक्ष गीता मिश्रा, भाजपा की मसूरी मंडल की अध्यक्ष पुष्पा पडियार आदि मौजूद थे।

किसने किया राज्य आंदोलनकारी महिलाओं को सम्मानित जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

https://jansamvadonline.com/uttarakhand/the-agitator-pride-was-given-to-the-mother-power-of-uttarakhand/

Naveen_Thaledi #Jitendra_Anthwal #Janakavi_Atul_Sharma #Sushma_Juyal_Anthwal #Harish_Joshi #Manmohan Sharma #Giridhar_Sharma #Sanjay_Ghildiyal #International_Women’s_Day_2022