देहरादून – वरिष्ठता सूची को दरकिनार करते हुए गत 4 नवम्बर 20को लेखा परीक्षा अधिकारी के 14 पदों पर पदोन्नति हेतु चयन हो जाने के बावजूद आदेश जारी नहीं हुए हैं । उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ ने शासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए दो टूक कहा है कि ऐसी सेवा शर्त कदापि मंजूर नहीं जिसके लागू होने से पदोन्नति में वरिष्ठ छूट जाय और जूनियर पदोन्नत हो जाय । संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि पांच साल से बेवजह रोकी गई पदोन्नति के मामलों के सर्वमान्य समाधान हेतु संघ पहले ही सचिव वित्त व निदेशक आडिट को पत्र दे चुका है ।इसे नजर अंदाज करते हुए की जा रही कार्यवाही संघ के साथ धोखा है । उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तत्काल 3 जून 19को शासन के साथ हुए समझौते के अनुसार कार्यरत समस्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों को लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर वन टाइम पदोन्नति का लाभ देने का निर्णय नहीं लिया गया तो कभी भी 24 घंटे पूर्व के नोटिस पर वे आडिट निदेशालय में आमरण अनशन करेंगे ।
पृष्ठभूमि – १ – जून 2015 में शासन ने यह कहकर पदोन्नति का प्रस्ताव लौटा दिया कि जब नया ढांचा स्वीकृति होगा तब पदोन्नति पर विचार होगा जिसके कारण 12कार्मिक कोर्ट चले गए ।
२- अप्रैल 16 में नया ढांचा स्वीकृत हुआ जिसमें लेखा परीक्षा अधिकारी के 50 पद थे फिर अप्रत्याशित रूप से अक्टूबर 18मे नया ढांचा स्वीकृत हुआ जिसमें लेखा परीक्षा अधिकारी के 50पदों के स्थान पर 24 कर दिए । इन पदों के सापेक्ष पचास फीसदी सीधी भर्ती तथा पचास फीसदी पदोन्नति से भरे जाने हैं । इन पदों पर कटौती से पदोन्नति से वंचित कार्मिकों के विरोध के चलते निदेशालय द्वारा इन पदों पर वन टाइम पदोन्नति का प्रस्ताव भेजते हुए 24के स्थान पर 32 पद स्वीकृत करने का आग्रह किया गया । शासन की संघ के साथ 3जून19को हुई बैठक में वन टाइम पदोन्नति देने पर सहमति भी हो गयी । शासन द्वारा बाद में 28पद स्वीकृत किये । अक्टूबर 19 में सेवा नियमावली जारी हुई जिसमें लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु शर्त यह है कि चयन वर्ष 2019 -20 में स्वीकृत पदों के सापेक्ष सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर पांच साल की सेवा पूर्ण करने वाले कार्मिक को वन टाइम पदोन्नति दी जायेगी ।
आयोग द्वारा सेवा नियमावली के अनुसार पात्रता सूची तैयार करने को कहा गया ।चयन वर्ष 19-20आरम्भ होने की पहली तारीख यानि एक जुलाई 19 को पांच साल साल पूरा करने वाले तो पात्रता सूची में आ गये लेकिन दो जुलाई को पांच साल पूरा करने वाले वरिष्ठता सूची में वरिष्ठ होने के बाद भी छूट गये ।
समाधान -सेवानियमावली में वन टाइम पदोन्नति का लाभ चयन वर्ष 19-20के स्थान पर 20-21हेतु करने का प्रावधान किया जाय । पदोन्नति की प्रक्रिया के अनुसार उच्च से निम्न क्रम के पदों पर पदोन्नति की जांय ताकि चयन वर्ष 20-21में कुल रिक्तियों का सृजन कर सभी को वन टाइम पदोन्नति का लाभ मिल सके ।अन्यथा वन टाइम सैटलमेन्ट के औचितय पर सवाल रहेगा