देहरादून, उत्तराखंड कांग्रेस का अंतर-द्वन्द अब ट्विटर वार तक पहुंच गया है। जो इस बात का सबूत है कि बड़े से बड़े फेरबदल के बाद भी कांग्रेस नेताओं के बीच जारी खींचतान कभी समाप्त होने वाली नहीं है।निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह द्वारा ट्विटर से निर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देने के जवाब में हरीश रावत के ट्विटर हैंडल से जो संदेश भेजा गया है वह भले ही किसी ने भी भेजा हो लेकिन इस तरह की गतिविधियों को पार्टी हाईकमान और प्रदेश प्रभारी भी ठीक नहीं ठहरा सकते हैं। प्रीतम सिंह को इस संदेश से यह बताना कि यह कार्यक्रम हरीश रावत का है जय हरीश और जय राठी। हरीश रावत गुट के लोगों की मानसिकता को ही दर्शाता है।इस टिप्पणी के बारे में प्रीतम ने अत्यंत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी है उनका कहना था कि वह तो यही मानते हैं कि यह कार्यक्रम कांग्रेस का था। सोनिया गांधी और राहुल गांधी का था अगर कुछ लोग इसे हरीश रावत का मानते हैं तो यह उनकी सोच है। उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है वह कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता है कांग्रेस को समर्पित हैं तथा कांग्रेस को 2022 में जिताने के लिए काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हम सभी मिलकर भाजपा को हराने के लिए काम करें। हालांकि इस मुद्दे पर हरीश रावत की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है। उल्लेखनीय यह भी है कि नए प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण के कार्यक्रम में जब प्रीतम बोलने के लिए खड़े हुए थे तब भी कुछ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। सवाल यह है कि क्या इसी दिखावे की एकता के दम पर कांग्रेसी जीत के दावे कर रहे है।