-रतूड़ा गांव की देव डोली के पुल किनारे निकलने का वीडीओ वायरल
-सोशल मीडिया में वीडीओ वायरल होने के बाद स्टंट का दिया गया नाम
-श्रद्धालुओं में आक्रोश, कहा, पौराणिक परम्परा को स्टंट कहना बेवकूफी
रुद्रप्रयाग, धर्म और आस्था से जुड़े मामलों को स्टंट का नाम दिये जाने से श्रद्धालुओं में आक्रोश बना है। पौराणिक काल से चली आ रही है परम्पराओं को स्टंट का नाम दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। ऐसे में मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है और आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है।
दरअसल, कुछ दिन पहले जिले के रतूड़ा गांव से श्री चंडिका भवानी देवी की देवरा यात्रा रुद्रप्रयाग के बेलनी पुल पर पहुंची और देवी के निशानों को भक्तों ने सीधे पुल से नहीं निकाला। एक नर पश्वा मां के निशान को पुल किनारे से निकालता हुआ निकला तो अन्य लोग निशान की सुरक्षा कर रहे थे। इस बीच किसी व्यक्ति ने वीडीओ बनाकर फेसबुक में वायरल कर दिया और किसी ने इसे स्टंट का नाम दे डाला। मामला यहां तक तो ठीक था मगर कुछ इलेक्ट्रानिक मीडिया कर्मियों ने घटना को स्टंट का नाम क्या दिया कि श्रद्धालुओं में आक्रोश फैल गया और सोशल मीडिया के माध्यम से घटना को स्टंट लिखने वाले के खिलाफ कार्यवाही की मांग के साथ इसे धार्मिक आस्था के साथ कुठाराघात बताया। बात यह भी है कि इससे पहले भी कई देव डोलियां पुल के किनारे से गुजरी, लेकिन कभी इसे स्टंट का नाम नहीं दिया गया। अचानक से उठे इस मामले ने धार्मिकता का रूप ले लिया है। स्थानीय निवासी अशोक चोधरी, समाजसेवी राकेश मोहन बिष्ट एवं नरेन्द्र पंवार का कहना है कि देव डोलियां कभी भी अंडर पास जगह से नहीं गुजरती हैं। यह पौराणिक परम्परा है, जिसे स्टंट का नाम दिया जा रहा है। ऐसे लोग मूर्ख हैं, जो पौराणिक मान्यताओं को स्टंट का नाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से कहना सही होगा, मगर स्टंट का नाम देना बेवकूफी है। पौराणिक काल से चली आ रही परम्परा पर किसी ने ऊंगली उठाई है, जो धर्म के खिलाफ है। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि यह मामला धार्मिकता से जुड़ा हो सकता है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है। मामले में पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा के लिहाज से ऐतिहात बरतने के लिए कहा गया है।