जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष पत्रकार वार्ता के दौरान। 
-पूर्व में स्थापित उद्योग संभल नहीं रहे, चले थे नये उद्योग लगाने
-वेलनेस समिट की नौटंकी बंद कर सरकारी खजाने की लूट हो बंद
-बेरोजगार दर-दर की ठोकरे खा रहे, सरकार आराम फरमा रही
-सरकारी रोजगार के रास्ते बंद कर दिये, अब फैक्ट्रियाँ भी होने लगी बंद
  विकासनगर/देहरादून, जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा लगातार एक-दो वर्ष से जोर देकर कह रहा है कि प्रदेश में उद्योग तेजी से बंद हो रहे हैं, लेनि सरकार ने मोर्चा की बात अनसुनी कर दी, जिसका नतीजा ये हुआ कि इन दो वर्षों में हजारों उद्योग बंद हो गये, तथा हजारों उद्योग बन्दी के कगार पर है, जिस कारण हजारों की तादाद में युवा नौकरी से बाहर हो गये।
मोर्चा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री नेगी ने कहा कि 2-3 दिन पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में लगभग 3700 लघु उद्योगों का बंद होना सामने आया तथा पूर्व से भी हजारों लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योग बंद हो चुके हैं, जो कि अपने आप का बहुत बड़ा आंकड़ा है तथा प्रदेश की सेहत के लिए बड़ा घातक है। उद्योग विभाग के मुखिया एवं मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत की अनुभवहीनता एवं अदूरदर्शिता की वजह से उद्योगपतियों ने तेजी से अपना कारोबार समेट दिया, लेकिन प्रदेश के मुखिया को भनक तक न लगी। नेगी ने कहा कि श्री त्रिवेन्द्र रावत द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व इन्वेस्टर्स समिट की नौटंकी कर झूठी वाहवाही लूटने के उद्देश्य से करोड़ों रूपया पानी की तरह बहा डाला तथा अब फिर वेलनेस समिट के नाम पर करोड़ों रूपया बहाने की तैयारी चल रही है। दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश को एक गैरजिम्मेदार सी0एम0 थमा दिया गया, जिसकी वजह से सरकारी नौकरियों के रास्ते बंद हो गये तथा जो थोड़ा बहुत रोजगार फैक्ट्रियों के जरिये मिला हुआ था वो भी बंद हो गया। मोर्चा ने प्रदेशवासियों से अपील की कि जाग जायें वरना वो दिन दूर नहीं जब पछतावे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। पत्रकार वार्ता मेंः मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, के0सी0 चन्देल, श्रवण ओझा, विनोद गोस्वामी, प्रवीण शर्मा पीन्नी आदि उपस्थित रहे।