उत्तराखंड के लोक गायक प्रसिद्ध कलाकार स्वर्गीय हीरा सिंह राणा को अपनी कविता के माध्यम से अल्मोड़ा क्षेत्र में कार्यरत शिक्षक अनिल गोस्वामी तथा हलद्वानी निवासी संस्कृति कर्मी गौरी शंकर काण्डपाल के द्वारा श्रद्धांजलि प्रेषित की गई है।

अनिल कुमार गोस्वामी के द्वारा “एक और हीरा हमने खो दिया” कविता के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति के सशक्त हस्ताक्षर हीरा सिंह राणा को अपने शब्दों में श्रद्धांजलि व्यक्त की है ।उनकी इस कविता को अपने मुखारविंद से वीडियो के माध्यम से गौरीशंकर काण्डपाल के द्वारा स्वर दिए हैं।

कविता के बोल हैं

एक और हीरा हमने खो दिया,

साहित्य जगत के क्षेत्र में ।
फिर से अश्रुओं का जन्म हुआ,

उत्तराखण्ड वासियों के नेत्र में।

वो सल्ट डढूली जिसने इस हीरे को जन्म दिया,
आज उसके खो जाने पर आखों को अपने नम किया।

क्या गीत थे उसके क्या उनमें रोमांच था,
कैसे कोई कह सकता है वो हीरा नहीं कांच था।

रंगिल बिंदी घाघरि काय, हाई रे मिजाता।
वो लस्का कमर बांधा, हिम्मत का साथा।

कौन सा गीत नहीं उसका लाजवाब था,
सचमुच पहाड़ी गीतों का वो सरताज था।

आज चुपके से विदा ले गया वो हमसे,
पहाड़ी गीत गुनगुनाते थे हम जिसके दम से।

दे गया हमको एक ऐसी क्षति,

जो कभी न पूरी हो पाएगी।
पर ये वादा है उत्तराखण्ड का,

इस हीरे का गीत दुनियां गुनगुनायेगी।

 

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