देहरादून,18 जनवरी: देहरादून से दिल्ली का सफर आसान होने वाला है। महज ढाई घंटे में दून से दिल्ली में पहुँचा जा सकेगा। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय वन्यजीव बोर्ड के द्वारा इस परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी NGT ने भी मंजूरी दे दी है। हालांकि एनजीटी ने कुछ शर्तों पर ही इसको मंजूरी दी है। इसके लिए 12 सदस्यों की समिति बनाई है, जो यह देखेगी की इस रोड से पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की निगरानी का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI को सौंपा है। एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो और इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इस निगरानी के लिए NGT ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल बनाया है। इस पैनल का काम हाईस्पीड रोड के निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा सही तरीके से डिस्पोज कराना और एक्सप्रेसवे की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे या गणेशपुर-देहरादून सड़क (एनएच-72ए) पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर को बाधित होने से बचाना है।
बता दें कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने वाला यह एक्सप्रेसवे राज्य की आर्थिक रफ्तार को बढ़ाएगा, साथ ही दिल्ली से देहरादून तक की दूरी को महज 2.30 से 3 घंटे तक समेट देगा। जिसके निर्माण में कई रोड़े आ रहे थे। अब इस हाइवे का रास्ता साफ हो गया है।