-गंगा मैया का पवित्र कलश पशुपति नाथ मन्दिर काठमाण्डू के लिए  रवाना होते हुए।

-5 नवम्बर को पहुंचेगा हरिद्वार में ड्रा सुनील बत्रा के निवास पर

हरिद्वार, सदियों से चली आ रही परम्परा के निर्वाह के लिए गंगा मैया का पवित्र कलश पशुपति नाथ मन्दिर काठमाण्डू के लिए रवाना होने हेतु हरिद्वार में डॉ सुनील कुमार बत्रा के इंदु इन्केलव स्थित आवास पर 5 नवम्बर को पहुंचेगा । गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की प्रतिमा मुखबा में स्थापित होने के बाद पवित्र गंगा जी का कलश को नेपाल स्थित पशुपति नाथ मन्दिर काठमाण्डू में अभिषेक हेतु ले जाया जाता है।

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट सोमवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर शीतकाल के लिये श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिये गये । गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ तीर्थ पुरोहितों द्वारा विशेष पूजा और गंगा लहरी के पाठ के बीच पूर्वाहन 11 बज कर 40 मिनट पर बंद किये गये ।मंदिर के धर्माधिकारियों और श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ ही गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान भी कपाट बंद होने के मौके पर मौजूद थे । इससे पहले, सुबह आठ बजे उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया और पूर्वाहन 11 बज कर 40 मिनट पर अमृत बेला के शुभ मुर्हूत पर कपाट बंद किए गए।
कपाट बंद होने के बाद डोली में सवार होकर मां गंगा की मूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।

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दोपहर एक बजे तीर्थ पुरोहित गंगा की डोली को लेकर सेना के बैंड की धुन के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए पैदल रवाना हुए। अब शीतकाल में मां गंगा के दर्शन मुखबा में किये जा सकेंगे ।

पहले चरण में पवित्र गंगा कलश लेकर रावल शिवप्रकाश महाराज कनखल स्थित डॉ सुनील कुमार बत्रा के आवास में पहुंचेंगे । इसके बाद पवित्र कलश मुरादाबाद में 6 नवम्बर को अनिता गुप्ता, वाई पी गुप्ता के आवास पर 7 नवम्बर को बरेली होते हुए लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगा तथा 8 नवम्बर को लखनऊ से गोरक्षनाथ मठ गोरखपुर के लिए प्रस्थान होगा। पवित्र कलश 9 नवंबर को भैरवा होते हुए नैपाल की सीमा में प्रवेश कर 11 नवम्बर को पशुपतिनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया जायेगा। गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज ने कहा कि मां गंगा की यह पवित्र यात्रा का समापन नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में अभिषेक के साथ सम्पन्न होगा। नेपाल के राजगुरू रहे रावल शिवप्रकाश महाराज 6 नवम्बर को प्रात 10 बजे पवित्र कलश को लेकर नेपाल के लिए मुरादाबाद,बरेली,लखनऊ,गौरखपुर, भैरवा के रास्ते पशुपतिनाथ मंदिर में पहुंचेंगे।

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हरिद्वार नागरिक मंच के अध्यक्ष व एस एम् जे एन कालेज के प्राचार्य सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि यह हरिद्वार का सौभाग्य है कि पवित्र गंगा कलश के दर्शन करने का सभी हरिद्वार वासियों को सौभाग्य मिल रहा है। मां गंगा जीवनदायिनी हैं तथा भारत की जीवनरेखा हैं। मां गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प लेना होगा तभी मां गंगा के दर्शन और उनकी पूजा करने की सार्थकता होगी। कहा कि हरिद्वार में हरकी पैड़ी के आस पास हाइवे के नजदीक खाली जगहों को सभी सुविधाओं के साथ पार्क के रूप में विकसित करना चाहिए ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं में एक अच्छा संदेश जाये। साथ ही इस काम के लिए औद्योगिक समूहों को आगे आना चाहिए। यहां के लोगों को भी इसके लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर अमृत कलश को दर्शनों हेतु सायं 5बजे से अगले दिन प्रातः 10बजे तक उपलब्ध रहेगा।