देहरादून, कॅरोना वायरस से आवश्यक सतर्कता बरतने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन के साथ मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई। मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि प्रदेश की नेपाल सीमा से लगे जनपद चम्पावत, पिथौरागढ़ एवं ऊधमसिंहनगर में प्रभावित देशों से आने वाले पर्यटकों पर निगरानी हेतु सीमा क्षेत्र में मेडिकल टीमें लगाई गयी है तथा संभावित मरीज की सघन स्क्रीनिंग की जा रही है। ज्ञातव्य है कि चम्पावत में बनबसा, टनकपुर, पिथौरागढ़ के धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीवी, झूलाघाट, नैनीसैणी एयरपोर्ट, ऊधम सिंह नगर में खटीमा, पंतनगर एयरपोर्ट, देहरादून एयरपोर्ट में एम्बुलेंस के साथ मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं।
इन दिनों दुनियाभर में कोरोना वायरस को लेकर चिंता की जा रही है। चीन, पाकिस्तान, अमेरिका जैसे कई देश इस वायरस को लेकर अपने यहां पहले ही एलर्ट घोषित कर चुके हैं। चीन में फैल रहा जानलेवा 2019-एनसीओवी कोरोना वायरस से अब तक 80 मौतें हो चुकी है। हजारों लोगों का अलग-अलग देशों में इलाज चल रहा है। चीन के किस बाजार से इस वायरस के फैलने की सबसे अधिक संभावनाएं जताई जा रही हैं। चीन के वुहान शहर में इससे जुड़े सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। एक करोड़ से अधिक की आबादी वाला वुहान एक प्रमुख परिवहन का केंद्र है
11 देशों में दशहत फैला चुके इस वायरस की आहट उत्तरप्रदेश और बिहार तक भी पहुंच गई है। बिहार में चार और उत्तर प्रदेश में एक संदिग्ध संक्रमित मिला है। इससे पहले केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में पहले ही संदिग्ध संक्रमित मिल चुके हैं।बिहार और उत्तर प्रदेश में नए मामले सामने पर केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। सभी राज्यों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। हवाईअड्डों पर जांच के साथ अब जहाजरानी मंत्रालय उन अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर लोगों की जांच आरंभ करेगा जहां चीन से लोग आते हैं। चीन में बिहार के 800 लोग, चार संदिग्ध संक्रमित इनमें चीन से 22 जनवरी को लौटी सारण जिले की मेडिकल छात्रा भी शामिल है। चीन के तिआन्जिन प्रांत से छपरा आई, शोध छात्रा को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एकांत वार्ड में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा दो संदिग्ध सीतामढ़ी और एक मुजफ्फरपुर का निवासी है। चीन में शिक्षा, रोजगार व अन्य क्षेत्रों से जुड़े बिहार के करीब 800 लोग रह रहे हैं। इनमें करीब छह सौ मेडिकल के छात्र शामिल हैं।