गैरसैंण, सरकार ने अंडर 19 क्रिकेट टीम के चयन में धांधली के आरोपों की जांच का ऐलान किया है। शून्यकाल में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने इस मामले को उठाया था। खेल मंत्री अरविंद पांडे ने सदन में कहा कि सभी आरोपों की बिंदूवार जांच की जाएगी। जांच के लिए सचिव स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सदन में प्रस्ताव रखते हुए करन ने कहा कि प्रदेश में खेल जगत में बहुत अनियमितताएं हो रही है। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग बराबर से शामिल हैं। योग्य खिलाड़ियों का मौका नहीं मिल रहा और सिफारिशी-रसूखदारों का चयन किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बॉलर के रूप में प्रसिद्ध खिलाड़ी निशा मिश्रा को कम आयु का होने का तर्क देकर हटा दिया गया। यह मामला हाईलाइट होने पर निशा को इंटरव्यू के लिए बुलाया तो गया लेकिर पूर्वाग्रहों के कारण सेलेक्ट नहीं किया। जबकि शेफाली वर्मा की इसी आयुवर्ग की होने के बावजूद नेशनल में खेल रही हैं। सीएयू के सचिव पद पर कार्यरत व्यक्ति पात्रता पूरी नहीं करते। लगातार दो बार सचिव रहने के मानक के बावजूद वो तीन बार से सचिव पद पर कैसे हैं ?
अंडर 19 क्रिकेट टीम के चयन पर सवाल उठाते हुए करन से सिलसिलेवार कई गंभीर आरोप लगाए। कहा कि खिलाडियों के चयन में बडे पैमाने पर धांधली की गई है। प्रशासनिक अनुभव की फर्जी प्रमाण लगाकर लोग अहम पदों पर काबिज हैं। यूपी टीम के साथ जुडे व्यक्ति उत्तराखंड में भी पद संभाल रहे हैं। सरकार की ओर से जवाब देते हुए खेल मंत्री ने इस मामले में अफसोस जताया। कहा कि पिछले 16-17 सालों में लोगों ने खेल के बजाए अपनी एसोसिएशनों का भला करने का ही काम किया है। योग्य खिलाडियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। अंडर 19 क्रिकेट टीम से जुड़े आरोपों की सचिव स्तरीय कमेटी से जांच कराई जाएगी। आरोप है कि अंडर 19 टीम के चयन के लिए प्रदेश भर से 84 युवाओं का चयन किया गया था। इसके बाद 18 लोगों के नाम गुपचुप तरीके से जोड़ दिए गए। इन 102 लोगों को फिटनेस मेडिकल टेस्ट के लिए दून बुलाया गया और आधी-अधूरी जांच के बाद 60 खिलाडियों का कैंप के लिए चयन कर लिया गया। इनमें कई खिलाड़ी पात्र ही नहीं थे।
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