सुब्रमण्यम स्वामी ने देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की
नैनीताल, राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से उत्तराखंड हाईकोर्ट में देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर की गई है। उन्होंने अधिनियम को असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए निरस्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है।

 देवस्थानम बोर्ड के सीईओ बने मंडलायुक्त रविनाथ रमन -गढ़वाल मंडल के आयुक्त रविनाथ रमन को उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड का सीईओ बनाया गया है। इस वर्ष पहली बार चारधाम यात्रा का संचालन बोर्ड के माध्यम से होगा। देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद से ही पहले सीईओ को लेकर लगातार अटकलें चल रही थी कि कौन पहला सीईओ बनेगा। सोमवार को सरकार ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए गढ़वाल मंडल के आयुक्त को सीईओ को प्रभार दिया है। अब जल्द ही बोर्ड में उपाध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों की नियुक्त होगी। बोर्ड का उपाध्यक्ष कैबिनेट स्तर का हिंदू मंत्री ही हो सकता है।इसके अलावा शासन ने सोमवार को दो आईएएस समेत एक पीसीएस अफसर का तबादला आदेश भी जारी किया। प्रभारी सचिव खेल एवं युवा कल्याण ब्रजेश संत से निदेशक युवा कल्याण का प्रभार हटा दिया गया है। अब संत के पास सचिव खेल एवं युवा कल्याण के अलावा निदेशक खेल का ही प्रभार रहेगा। मुख्य विकास अधिकारी देहरादून गिरधारी सिंह रावत का तबादला निदेशक युवा कल्याण के पद पर किया है। वहीं आईएएस नितिका खंडेलवाल से अपर निदेशक प्रशिक्षण निदेशालय हल्द्वानी का प्रभार हटा दिया है। उनका तबादला मुख्य विकास अधिकारी देहरादून के पद पर किया है। शासन ने तीन आईएएस समेत एक पीसीएस अफसर का तबादला आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन दो आईएएस सचिन कुर्वे और दीपेंद्र चौधरी को अभी तक काम नहीं सौंपा। सचिव स्तर के सचिन को डेपुटेशन से लौटे तीन सप्ताह से अधिक का समय हो गया है। वहीं जिलाधिकारी हरिद्वार के पद से हटाए गए दीपेंद्र चौधरी भी बाध्य प्रतीक्षा में चल रहे हैं।

स्वामी ने कहा कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में साफ कहा है कि सरकार मंदिर का प्रबंधन हाथ में नहीं ले सकती। वित्तीय गड़बड़ी होने पर सरकार अल्पकालिक प्रबंधन ले सकती है मगर सुधार के बाद सरकार को प्रबंधन सौंपना होगा। उन्होंने साफ कहा कि मंदिर का संचालन सरकार का काम नहीं बल्कि भक्त व हक हकूकधारियों का है। देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर होने से सरकार की परेशानी में इजाफा होना तय है। चारों धामों के मंदिरों का श्राइन बोर्ड की तर्ज पर प्रबंधन करने के लिए प्रदेश सरकार यह अधिनियम लेकर आई थी। कुछ समय पहले ही तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने देवस्थानम अधिनियम के विरोध में सुब्रमण्यम स्वामी से संपर्क किया था। आज देर शाम यह याचिका दाखिल हो गई।
A petition has been filed against the Devasthanam Act in Uttarakhand High Court on behalf of Nainital, Rajya Sabha member and BJP leader Subramanian Swamy. He has filed a PIL seeking the repeal of the Act, as unconstitutional and a violation of the Supreme Court order.Swamy said that in 2014 the Supreme Court has clearly stated in an order that the government cannot take over the management of the temple. Government may take short term management in case of financial disturbances, but after reform, the government will have to hand over the management. He clearly said that the operation of the temple is not the work of the government but the devotees and rightful holders.The government’s troubles are bound to increase with the filing of a petition against the Devasthanam Act. The state government had brought this act to manage the temples of the four dhams on the lines of the Shrine Board. Shortly before, the Tirtha Purohit Mahapanchayat approached Subramanian Swamy in protest against the Devasthanam Act. This petition was filed late this evening.