-सरकार कॉरपोरेट के बहकावे में चिकित्सा सेवा दे रहे छोटे अस्पतालों को बन्द करना चाहतीः आईएमए
हरिद्वार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मेडिकल प्रैक्टिसनर एसोसिएशन एवं दन्त चिकित्सक एसोसिएशन के सँयुक्त तत्वावधान में चिकित्सकों ने अस्पताल कर्मियों की भारी भीड़ के साथ क्लिनीकल एसटिबलिमेंट बिल में संसोधन की मांग को लेकर रानीपुर मोड़ से लेकर नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय तक बिल विरोधी स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। क्लिनिको पर पिछले आठ दिनों से स्वतः तालाबंदी कर अपने कार्यो से विरत चल रहे चिकित्सक बिल संसोधित होने तक कार्यो से विरत रहेंगे। निजी चिकित्सको के क्लिनिक बन्द होने से मरीजो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है।
-पत्रकारों से वार्ता करते आईंएमए पदाधिकारी व डॉक्टर्स। |
प्रदर्शन उपरांत प्रेस क्लब सभागार में एम पी एस के सचिव डॉ राजीव चैधरी दन्त चिकित्सक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुखबीर सिंह चैधरी ने आईएमए को समर्थन देने की बात कही । पत्रकारों से वार्ता करते हुए आई एम ए के वरिष्ठ सदस्य डॉ विपिन मेहरा ने कहा राज्य सरकार कॉरपोरेट के बहकावे में आकर स्लम एरिया में रहने वाले लोगो को चिकित्सा सेवा दे रहे छोटे अस्पतालों को बन्द करना चाहती है। उन्होंने कहा सरकार की उदासीनता के चलते डॉक्टर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट बिल में संसोधन की मांग को लेकर स्वतः तालाबंदी कर अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं। उन्होंने कहा मौजूदा बिल छोटे शहरों की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण निजी अस्पतालों के लिए व्यवहारिक नही है। उन्होंने कहा हरियाणा प्रदेश में केंद्रीय बिल को संसोधित कर लागू किया गया है आईएमए की मांग है कि उत्तराखंड सरकार भी जनहित में निर्णय लेकर हरियाणा सरकार की तर्ज पर बिल को संसोधित कर लागू करे। हरिद्वार चैप्टर के अध्यक्ष डॉ जसप्रीत सिंह ने कहा विगत 24 दिसम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री तिरवेंद्र सिंह रावत ने मुलाकात के दौरान बिल को संसोधित कर लागू करने का मौखिक आश्वासन दिया था । सी एम ईमानदार और व्यवहारिक है लेकिन प्रदेश के रोगियों को दर्द से छुटकारा कैसे मिले। जिस प्रदेश में चिकित्सा पहाड़ पर चढ़ने को हांफ रही हो उस पर और बोझ लादना जनता के साथ अन्याय के समान है ।सरकार की उदासीनता जनता पर भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा नोटिस आने के बाद सरकार की वादा खिलाफी के चलते मजबूरी में निजी अस्पतालों को स्वतः तालाबंदी करनी पड़ी। डॉक्टरों ने कहा पिछले आठ दिनों से अपने क्लिनिक बन्द कर कार्यो से विरत चल रहे चिकित्सको से ने इस बात पर नाखुशी जतायी की 8 दिन के बाद भी सरकार की ओर से वार्ता की पहल तक नही की गई। इससे लगता है सरकार जनता के प्रति संवेदनशील नही है। इस अवसर पर आई एम ए सचिव डॉ विकास दीक्षित डॉ राजेश गुप्ता ,डॉ प्रेम लूथरा ,डॉ ए के जैन ,डॉ राम शर्मा ,डॉ संजय शाह ,डॉ अंजुल श्रीमाली, डॉ दिनेश सिंह ,डॉ मोहित चैहान ,डॉ कैलाश पाण्डे ,डॉ एस के मिश्रा ,डॉ विपिन प्रेमी ,डॉ के स्वरूप ,डॉ यतीन्द्र नागयान , डॉ आलोक वशिष्ठ, डॉ त्रिभुवन शर्मा ,डॉ संध्या शर्मा ,डॉ नीता मेहरा , डॉ सीमा गुप्ता ,डॉ मनप्रीत कौर ,डॉ सुमि गुप्ता , डॉ सुजाता प्रधान ,सौरभ त्रिपाठी ,डॉ प्रदीप कुमार के अलावा नगर के सभी चिकित्सको की भारी भीड़ मौजूद थी ।