उत्तराखंड की संस्कृति अतिथि देवो भवः की रही है. उसी को ध्यान में रखकर यात्रा की शुरुआत की जा रही है.”
वहीं सीएम ने मौसम को लेकर कहा कि सभी जिला अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. यात्रा में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी. दो साल बाद पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ आज से चारधाम यात्रा, शुरू हो रही है। यमुनोत्री धाम के कपाट आज ही खुलेंगे। गंगोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ के साथ ही यमुनोत्री भी चारधाम का हिस्सा है। यहीं से चारधाम यात्रा की शुरुआत मानी जाती है।


मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी यदि सच होती है और पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश होती है, तो इसका सीधा असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ेगा। लेकिन पहले ही दिन इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पहले ही दिन मौसम तीर्थयात्रियों के साथ ही सरकार समेत जिला प्रशासन का कड़ा इम्तिहान लेगा। मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ ही बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं से मैदान से लेकर पहाड़ तक बारिश की संभावना जताई है। यदि मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी सच होती है और पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश होती है, तो इसका सीधा असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ेगा। बारिश के चलते जहां चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं, वहीं चारधाम यात्रा को लेकर सरकार, शासन, जिला प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों की भी कलई खुल सकती है। यात्रा मार्ग पर बारिश से भूस्खलन होता है तो यात्रा के भी प्रभावित होने का खतरा है। वैसे तो सरकार, शासन और चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिला प्रशासन की ओर से यात्रा को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े सभी अफसरों, कर्मियों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है, लेकिन मौसम विज्ञानियों ने जिस तरह से बारिश की संभावना जताई है, उसे देखते हुए सरकार के साथ शासन-प्रशासन के अफसरों को और अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है।

चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मोर्चा संभाल लिया है। परिवहन मुख्यालय के निर्देश पर यात्रा मार्गों पर डामटा, तपोवन, कुठालगेट, ब्रह्मपुरी में स्थापित चेक पोस्टों पर कर्मचारियों की तैनाती के साथ वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी गई है। आरटीओ प्रवर्तनने बताया कि तीर्थयात्रियों के वाहनों को सुबह पांच से रात आठ बजे तक ही आने-जाने दिया जाएगा। सुबह पांच बजे से पहले वाहनों को चारधाम पर जाने की इजाजत नहीं होगी। इसी प्रकार रात आठ बजे के बाद भी यात्री वाहन चारधाम नहीं जा सकेंगे। परिवहन विभाग की ओर से स्थापित चेक पोस्टों पर वाहनों का पंजीकरण करने और कागज की जांच के बाद ही यात्रा की अनुमति दी जा रही है। यात्रा पर जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड भी चेक किए जा सकेंगे वाहनों और तीर्थयात्रियों की निगरानी के लिए पर्यटन विभाग की ओर से चेक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हालांकि, लिंक की व्यवस्था नहीं होने से फिलहाल इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। आरटीओ ने बताया कि जैसे ही लिंक मिलते ही सीसीटीवी कैमरे चालू होंगे लेकिन आल वेदर रोड पर जगह-जगह बने डेंजर जोन का ट्रीटमेंट निर्माण एजेंसियां नहीं तलाश पाई हैं। इससे यात्रा जोखिम से भरी हो सकती है। चारधाम यात्रा मार्ग पर 67 डेंजर जोन चिन्हित हैं, इनमें कुछ में ही सुधार के काम हो पाए हैं।
सरकार ने यात्रा से पहले डेंजर जोन ठीक करने का दावा किया था।  चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन और शासन में बैठे अधिकारी बड़े-बड़े दावे भर रहे हों। लेकिन, यात्रा तैयारियों का सच मुखवा से जांगला के बीच पांच किलोमीटर का रास्ता बता रहा है। सोमवार को जब इस रास्ते पर गंगा डोली यात्रा मुखवा से गंगोत्री के लिए आई तो सरकारी तंत्र की व्यवस्थाएं धरासायी दिखी। इस पैदल मार्ग पर स्थिति यह रही कि कई स्थानों पर गंगा डोली यात्रा को जान जोखिम में डालकर आग बढ़ना पड़ा।इस डोली यात्रा में शामिल गंगोत्री मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सदियों से गंगा की डोली यात्रा इस पैदल मार्ग से होकर गंगोत्री पहुंचती है। फिर गंगोत्री धाम के कपाट खुलते हैं। जब शीतकाल के लिए कपाट बंद होते हैं तो डोली यात्रा इसी मार्ग से होकर मुखवा पहुंचती है। हर वर्ष जिला प्रशासन और जिला पंचायत इस मार्ग की मरम्मत करने का दावा करता है।

लेकिन, धरातल पर आज तक कोई काम नहीं हुआ है। मुखवा से लेकर जांगला तक पांच किलोमीटर का यह मार्ग भागीरथी के किनारे से लगा हुआ है। लेकिन, मार्ग पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। करीब दस से अधिक स्थानों पर गंगा डोली को बचा-बचाकर लाना पड़ा है। साथ ही गंगा डोली में जो श्रद्धालु शामिल हुए हैं, उन्हें भी जान जोखिम में डालकर आना पड़ा है। कई स्थानों पररास्ते का पता नहीं नहीं चल रहा है कि यहां गंगा डोली यात्रा का पथ है। तीर्थ पुरोहित ने कहा कि इस मार्ग को बेहतर बनाने के लिए कई बार प्रशासन से मिल चुके हैं। लेकिन, कोई भी अधिकारी तीर्थ पुरोहितों की इस बड़ी समस्या को सुनने और समझने को तैयार नहीं है। इस मार्ग पर कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। ग्रामीण लंबे समय से मुखवा जांगला को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।बर्फीली चोटियों से घिरी गंगा घाटी के मुखवा गांव में सोमवार तड़के गंगा लहरी पाठ के साथ उत्सव बेला का उद्घोष हुआ। जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट के जवानों ने आर्मी बैंड की धुन पर आस्था के साथ देशभक्ति का माहौल बनाने में कोई कमी नहीं रखी। ऋषिकेश बद्रीनाथ राजमार्ग के चौड़ीकरण होने के बाद भले ही यात्रा सुगम हो चुकी है, लेकिन चौड़ीकरण से कई स्थानों पर नए भूस्खलन जोन बन गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग श्रीनगर ने 26 क्षेत्र ऐसे चिन्हित किए हैं। अभी इनके ट्रीटमेंट के लिए से आगणन तैयार किया जा रहा है।चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। लेकिन सड़कों की स्थिति अभी सुधरी नहीं है। कई जगह पर सड़कों पर डेंजर जोन बने हैं। यात्रा से पहले सभी डेंजर जोन ठीक नहीं किए गए।
अब यात्रा के दौरान अगर कार्य होता भी है तो यात्रियों को असुविधा हो सकती है। विभाग को यात्रा से पहले काम करवाना चाहिए था। सरकार ने चारधाम यात्रा से पहले सभी डेंजर जोन भरने का दावा किया था।लेकिन अभी तक यह पूरा होता नहीं दिख रहा। सभी यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है तथा उन्हें क्यू आर नंबर भी दिया जा रहा है। पुलिस द्वारा यात्रा मार्गों पर ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है जिसमें यात्रियों को आवागमन में कोई परेशानी न हो।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को फिलहाल किसी तरह की कोरोना जांच जरूरत नहीं है। लेकिन मास्क और सैनिटाइजर को अनिवार्य किया गया है। हेली सेवाओं और होटलों में ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गई है।

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला (दून विश्वविद्यालय)