देहरादून। कांग्रेस उत्तराखण्ड के निवर्तमान प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद आज स्थानीय प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर सत्ता पक्ष से मिले होने व क्षेत्रवाद फैलाते हुए गढ़वालियों व कुमाउनियों से पृथक उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन का बदला लेने का आरोप लगाया।

संजय भट्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को चकराता का चकोर बताते हुए कहा कि प्रीतम सिर्फ चकराता में लोगों को कांग्रेस से जोड़ रहे है। शायद प्रीतम सिंह को लगता है चकराता की विधानसभा सीट से ही उत्तराखण्ड में 2022 में कांग्रेस की सरकार आएगी।

भट्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री खंडूरी वाला बंगला प्रीतम सिंह को आवंटित करने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इससे माननीय कोर्ट के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रीयों से सरकारी मकान खाली करवाने का कोई लाभ प्रदेश को नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मकान आवंटन के बाद से कांग्रेस मित्र विपक्ष की भूमिका में आ गई।

प्रीतम सिंह पर आरोप-

परिवारवाद

ST आरक्षण के क्रीमीलेयर

चकराता के जनमानस का आरक्षण परिवार के साथ मिलकर फायदा उठाने

उत्तराखण्ड कांग्रेस से गढ़वालियों कुमाऊनी का सफाया करने

राज्य की मूल भावना के विरोधी परिपाठी

गढ़वालियों कुमाउनियों को चुन चुन कर नोटिस व निष्कास

गैर गढ़वालियों कुमाउनियों को नोटिस न देने

कांग्रेस में लोकतंत्र शून्य, तानाशाही, अन्याय, क्षेत्रवाद के आरोप भी लगाए

 

संजय भट्ट का अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नाम पत्र –

 

सेवा में,
श्री प्रीतम सिंह
मा0 अध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखण्ड

 

 

विषय: मुझे अलोकतांत्रिक तरीके से, क्षेत्रवाद से ग्रसित हो कर, तानाशाही पूर्वक, निष्कासन के सम्बंध में

महोदय,

1) यह कि मैंने 01 अगस्त को अपनी फेसबुक पर एक पोस्ट डाली और 03 दिन बाद 05 अगस्त को मुझे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

2) यह कि कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार बिना नोटिस के निष्कासन प्रथमदृष्टया ही असंवैधानिक, अवैध एवं खारिज होने योग्य है।

3) यह कि अध्यक्ष जी बिना नोटिस के निष्कासन, पार्टी संविधान का उल्लंघन है और यह पार्टी अनुशासनहीनता है, इसलिए नोटिस तो अनुशासन समिति के अध्यक्ष जी को भी देना, न्यायोचित प्रतीत होता है।

4) यह कि मा0 अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी मैंने आपके चुनाव टिहरी लोकसभा 2019 में टिहरी लोकसभा का निवासी होने के चलते पूरे चुनाव में लगातार कार्य किया, सभाएं की, घर-घर गया, बूथ पर बैठा। चुनाव में हार जीत चलती रहती है, आप हार गए।

5) यह कि अध्यक्ष जी प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष श्री प्रमोद कुमार सिंह उर्फ प्रमोद जाट जी के कार्यकाल में लगातार बहुसंख्यक गढ़वालियों व कुमाउनियों को नोटिस जारी करना व निष्कासित करना जारी है। जबकि दूसरी ओर स्वयं अनुशासन समिति के अध्यक्ष के भतीजे ने कांग्रेस भवन में खुलेआम थप्पड़ चलाये, सभी अखबारों में छपा, गांधी वादी विचारधारा की पार्टी में मारपीट वो भी प्रदेश कार्यालय में, नोटिस नहीं, कोई निष्कासन नहीं।

6) यह कि IT प्रदेश अध्यक्ष सरदार अमरजीत सिंह जी के खिलाफ मैंने स्वयं अनुशासन समिति के अध्यक्ष को शिकायत दी। शिकायत के साथ सारे सबूत लगाए जिसमें उक्त श्री अमरजीत ने रुड़की नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी जो जितने के बाद बीजेपी में है, उसके लिए काम किया। परन्तु कोई नोटिस नहीं, क्या समझूँ? शिकायती गढ़वाली और जिसकी शिकायत हुई वो नॉन गढ़वाली, अगर मैं गलत हूँ तो पार्टी ने कार्यवाही नहीं की?

7) यह कि जब प्रदेश सचिव महिला कांग्रेस उत्तराखण्ड रेनु नेगी जी को IT जिलाध्यक्ष उधमसिंह नगर आरिफ अल्वी ने फेसबुक पर बहुत ही गलत शब्द लिखे, जो शब्द एक सभ्य समाज को शोभा नहीं देते। रेनु नेगी जी ने अनुशासन समिति के अध्यक्ष से लिखित शिकायत मय सबूत की लेकिन अनुशासन समिति ने कोई कार्यवाही/नोटिस जारी नहीं किया। एक महिला को ऐसे शब्द, धिक्कार है। क्या समझूँ…
पहाड़ की नारी का अपमान, वो भी उस देवभूमि उत्तराखण्ड में जिसको बनाने वाली भी पहाड़ की नारी ही है।

उल्टा हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी पर्यवेक्षक के रूप में बहादुरगढ़ विधानसभा में कार्य करते हुए। ध्यान रहे चुनाव में कार्य करते हुए, अनुशासन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने मुझे (संजय भट्ट, प्रदेश प्रवक्ता) और रेनु नेगी जी को नोटिस जारी कर दिए। कम से कम वापस उत्तराखण्ड आने का तो इंतजार किया ही जा सकता था। नोट- नोटिस का माकूल जबाब पिछले साल हरियाणा विधानसभा चुनाव से लौटने के बाद दे दिया गया था।

8) यह कि हाल ही में प्रदेश महामंत्री श्री पीके अग्रवाल जिन्होंने राजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी श्री हीरा सिंह बिष्ट जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था व 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय के खिलाफ अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया था। ऐसे श्री पीके अग्रवाल ने फेसबुक व व्हाट्सअप पर धुर विरोधी विचार के बीजेपी स्व0 दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती की फोटो अपनी खुद की फोटो के साथ डाली, कोई कार्यवाही नहीं, कोई नोटिस नहीं, क्यों? फिर वही, वह व्यक्ति गढ़वाली कुमाऊनी नहीं था…

9) यह कि विजयपाल रावत जी, प्रदेश प्रवक्ता, प्रदीप भट्ट जी प्रदेश प्रवक्ता, दर्शन लाल जी प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाती विभाग उत्तराखण्ड (तीनों उत्तरकाशी के गढ़वाली), संजय रावत जी प्रदेश सचिव, रेनु नेगी जी प्रदेश सचिव महिला कांग्रेस (दोनों चमोली), सुमित्रा ध्यानि जी पार्षद (देहरादून), संजय भट्ट प्रदेश प्रवक्ता (देहरादून), आशा मनोरमा शर्मा डोबरियाल जी (देहरादून), कमलेश शर्मा जी व माला शर्मा जी (कुमाऊं) इनको नोटिस या निष्कासन क्योंकि इनके नाम के आगे गढ़वाली कुमाऊनी जात लिखी हुई है, क्या समझूँ… किसलिए इतना क्षेत्रवाद किया जा रहा है?

10) यह कि आज भी उत्तराखण्ड विधानसभा में 26 गढ़वाली विधायक है, शायद 22 कुमाऊनी विधायक हैं, 2 जौनसारी विधायक हैं ब बाकी 20 के करीब अन्य सभी हैं। जबकि कुल 5 लोकसभा सांसदों में से 03 गढ़वाली व 02 कुमाऊनी सांसद हैं।

यह इसलिए बताया क्योंकि आपके अध्यक्ष दौर में सभी अनुसंसिक/प्रकोष्ठों में मात्र एक कुमाऊनी महिला कांग्रेस अध्यक्षा हैं। प्रदेश अध्यक्ष- अनुसाशन समिति, किसान कांग्रेस, अनुसूचित जाति कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, IT कांग्रेस, सेवादल, स्वयं आप कोई भी गढ़वाली/कुमाऊनी नहीं है। क्या आपकी नजर में कोई भी गढ़वाली लायक नहीं है? या आप क्षेत्रीय संतुलन को नकार कर चुनाव जीतने की गलतफहमी रखते हो।

कोई भी राजनीतिज्ञ यह बात खुलेआम नहीं कहेगा लेकिन चुनाव में चलते सभी इसी ढर्रे पर हैं। इसी संतुलन को पाटने के लिए उत्तराखण्ड की बड़ी पार्टीयां अध्यक्ष/मुख्यमंत्री क्रमश कुमाऊं/गढ़वाल से लगातार बनाते रहे हैं। मात्र आप अपवाद हैं। मैंने आपको नगर निगम देहरादून चुनाव 2018 में भी लाख समझाया था कि अध्यक्ष जी गढ़वाली को टिकट दो वरना दिक्कत रहेगी, आपने मेरी एक न सुनी। जबकि देहरादून नगर निगम से कभी भी गैर गढ़वाली चुनाव जीता ही नहीं। लेकिन आपने धर्मपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल को चुनाव लड़ा कर उनकी भविष्य की राजनीति पर भी प्रश्न चिन्ह लगवा दिया। ऐसा दिग्गज श्री दिनेश अग्रवाल जिसने 2 बार पूर्व मुख्यमंत्री को हराया वो एक नए-नवेले नौसिखिए चुनावी खिलाड़ी से मेयर का चुनाव हार गए। या तो आप को आपकी चांडाल-चौकड़ी गुमराह करती है और आप गुमराह हो जाते हो या आप मित्र विपक्ष की भूमिका निभा रहे हो।

11) यह कि लगातार फेसबुक में कुछ लोगों की पोस्ट आती हैं, जो आपके जौनसार से हैं, की अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी ने आज 12 युवाओं को कांग्रेस से जोड़ा, 11 परिवारों को कांग्रेस से जोड़ा, अध्यक्ष जी आप चकराता के नहीं उत्तराखण्ड प्रदेश के अध्यक्ष हैं, सोचिए जरा।

12) यह कि आप स्वयं विधायक, आपके एक भाई जिला पंचायत अध्यक्ष, एक भाई ब्लॉक प्रमुख, बेटे का नाम आपने टिहरी लोकसभा सांसद चुनाव प्रत्याशी के लिए भेजा, जब सब कुछ आप और आपका परिवार ही रखेगा, तो बाकी बेचारे दबे कुचले जौनसरियों का क्या होगा…

13) यह कि आप का क्षेत्र चकराता अनुसूचित जन जाती क्षेत्र है। ऐसे में जब आरक्षण का सारा लाभ आप ही रख लोगे तो संविधान की अवधारणा जिसमें अंतिम व्यक्ति तक आरक्षण का लाभ पहुंचना है, वह कैसे सम्भव होगा? मायावती, पासवान जैसे लोगों को आरक्षण अपने दूसरे लोगों के लिए छोड़ देना चाहिए, ताकि दबे कुचले समाज का उत्थान हो सके। जरा सोचिएगा…

14) यह कि मुझे नहीं समझ आता आपकी टीम, आपको क्यों ऐसी सलाह देती है या आप हो ही ऐसे! मुझे लगता है आपको उस चंडाल-चौकड़ी की कम और खुद की ज्यादा सुननी चाहिए, आपको लगता होगा यह लोग आपके हितैसी हैं पर अगर ठंडे दिमाग से सोचा जाए तो शायद यह चौकड़ी ही आपका और कांग्रेस का भला नहीं होने देगी।

15) यह कि न तो मैं पैसे से सत्ता – सत्ता से पैसे के लिए कार्य करता हूँ। न ही मुझे तनख्वाह मिलती है कांग्रेस से, न ही मुझे आपकी तरह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूड़ी जी वाला बंगला दिया है, जो कि हाईकोर्ट ने राज्य पर अतिरिक आर्थिक बोझ की वजह से जनहित याचिका के बाद खाली करवाया था, मैं सिर्फ कांग्रेस का सिपाही हूँ, मैं मित्र विपक्ष नहीं हूँ।

16) यह कि जब उधम सिंह नगर जिले में कांग्रेस के वार्ड अध्यक्ष की बीजेपी के पार्षद के बेटे ने सरे बाजार गोली मार कर हत्या की, यो आपने मृतक वार्ड अध्यक्ष के घर जाकर और देहरादून घंटाघर पर पुतला फूंककर इतिश्री कर ली। जबकि इस मामले में उत्तराखण्ड बन्द किया जाना चाहिए था। आखिर कोई कार्यकर्ता कैसे खुद को सुरक्षित समझेगा, किसके भरोसे विपक्षी पार्टी के अटपटे सवालों का जबाब देगा, आज कार्यकता डर के साए में है।

17) यह कि श्री राम मंदिर भूमि पूजन व शिलान्यास के बाद गली मोहल्ले के लोग, प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को भगवान राम का अवतार तो कोई हनुमान जी का अवतार बता रहा है। कोई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को हनुमान जी और मोदी जी को राम जी की जोड़ी बता रहा है। हम फिर भी लोगों को समझा रहे हैं, लेकिन अध्यक्ष जी आप हैं कि नोटिस/निष्कासन कर हमें विभीषण और खुद को रावण साबित कर उत्तराखण्ड कांग्रेस की लंका में आग लगवाने पर तुले हो। आखिर कार्यकर्ता किस बल पर जनता के आगे कांग्रेस का पक्ष रखेगा। आपको तो शिव ने लंका सौंप दी (खंडूरी जी वाली कोठी)।

18) यह कि कांग्रेस अच्छे दौर में नहीं है और आप अध्यक्ष हैं, आपका कर्तव्य याद दिला दूँ, आपको संगठन को जोड़ना है।

19) यह कि महाभारत काल के पत्रकार संजय ने जिस प्रकार से धृतराष्ट्र को पूरी महाभारत लाइव सुना दी थी, तो मेरा नाम भी संजय है, तो सत्य दर्शन करवाना मेरा नाम-धर्म हुआ।

सबसे अहम बात-
20) यह कि मेरी फेसबुक ID एक वेब पोर्टल के एडिटर के रूप में है, तो मेरी फेसबुक पर डाली गई पोस्ट पर निष्कासन करने वाले होते कौन हैं, प्रमोद कुमार सिंह उर्फ प्रमोद जाट… वो भी बिना नोटिस के, कितना क्षेत्रवाद फेलायेंगे यह मान्यवर…

अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगाना, बिना नोटिस के निष्कासन और लोकतंत्र बचाने के लिए #SpeakUpForDemocracy कार्यक्रम चलना। सब एक साथ… कर कैसे लेते हो?

क्या इसी दिन को देखने के लिए हमने उत्तराखण्ड आंदोलन लड़ा, पृथक राज्य आंदोलन में मेरे सीने पर भी पुलिस की राइफल तक तनी। मेरी माँ श्रीमती सुशीला बलूनी के साथ लगातार राज्य निर्माण आंदोलन में रहीं। क्या यही दिन देखने के लिए। सर्वविदित है कि चकराता के नेता अलग राज्य के विरोध में थे, क्योंकि बड़े उत्तर प्रदेश में आपके ST आरक्षण की बड़ी हिस्सेदारी थी, छोटे राज्य में कम। अब आप प्रदेश अध्यक्ष बनकर क्या गढ़वालियों कुमाउनियों से राज्य निर्माण का बदला ले रहे हैं?

उम्मीद है कि आप अंतरात्मा के साथ अवलोकन करेंगे, श्री प्रीतम सिंह के रूप में नहीं, प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड कांग्रेस के रूप में और कांग्रेस को मजबूत करने में मुझे भी भागीदार बनाएंगे।

उम्र और तजुर्बे में आपसे बहुत छोटा हूँ, भूलवश या अज्ञानतावश कुछ गलत लिखा हो तो दोनों हाथ जोड़ कर क्षमा प्रार्थी हूँ।

निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।

                              इति श्री  कांग्रेस का शुभचिंतक, व्यक्ति का नहीं..

संजय भट्ट
निवर्तमान प्रवक्ता
प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखण्ड

 

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