ये भी हैं पालनहार

देहरादून,  भाजपा ने देहरादून में हुए जहरीली शराब प्रकरण जिसमें 6 व्यक्तियों की मृत्यु होने के साथ अन्य कई बीमार हैं को बेहद दुखद व गम्भीर बताते हुए कहा है कि पार्टी सरकार द्वारा उठाए जा रहे सख्त कदमों में उसके साथ है और कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि देहरादून में जहरीली शराब पीने से छः व्यक्तियों की मौत व अन्य के बीमार होने की घटना बेहद दुखद व गम्भीर है। मृतकों व उनके परिवारों के प्रति पार्टी की संवेदनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा इस मामले में उठाए जा रहे सख्त कदमों के साथ है और पार्टी मानती है कि इसमें कोई भी दोषी नहीं बख्शा जाएगा चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि का हो। इस घटना को लेकर पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों का निलम्बन सही कदम है और जाँच में जो लोग भी दोषी पाए जाएँगे उनके विरुद्ध कानून अपनी कार्यवाही करेगा।

भाजपा नेता व पूर्व पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू की जड़ें सत्ताधारी पार्टी में बहुत अंदर तक हैं। शायद यही कारण है कि आज तक अजय सोनकर धड़ल्ले से अवैध शराब का व्यापार करता रहा और किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। नतीजा यह रहा कि राजधानी देहरादून में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत हो गई। 
अजय सोनकर की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिससे ये साफ हो जाता है कि स्थानीय विधायक से लेकर सरकार के मंत्री और नेताओं से उसके संबंध कितने मधुर थे। बताया जा रहा है कि अजय सोनकर पूर्व में भाजपा का पार्षद रह चुका है। आरोपी भाजपा नेताओं का करीबी है। सोनकर की सोशल मीडिया प्रोफाइल बताती है कि वह लगातार न केवल स्थानीय विधायक के संपर्क में रहता था बल्कि सत्ताधारी पार्टी के हर एक कार्यक्रम में उसका आना-जाना लगा रहता था, जबकि स्थानीय लोग लगातार पुलिस से उसकी शिकायत करते रहते थे। इतना ही नहीं, पूर्व में अजय सोनकर उर्फ घोंचू के ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी करके भारी मात्रा में शराब भी पकड़ी है, लेकिन उसके बावजूद भी वह अपना व्यापार बदस्तूर जारी रखे हुए था। अब 7 लोगों की मौत के बाद पुलिस की नींद टूटी है।

 

डॉ भसीन ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि बेहतर होगा कि कांग्रेस नेता लाशों पर राजनीति न करें। कांग्रेस नेता कोई बयान देने से पहले यदि राज्य में अपनी पार्टी की सरकार के कारनामों,कांग्रेस नेताओं के शराब तंत्र के साथ संबंधों व उन्हें संरक्षण व प्रोत्साहन देने पर नजर डाल लें तो उचित होगा।