देहरादून,3 जनवरी: शहीद स्मारक में बैठे आंदोलनकारियों का पूरा दिन मुख्यमंत्री कार्यालय के फोन के इंतजार में बीत गया। पीड़ित राज्यान्दोलनकारी मंच के लिये सोमवार की सुबह बेहद आशाजनक थी । वह सुबह से ही अपने तय समय पर उपवास कार्यक्रम जारी रखने को धरना स्थल पहुंच गये।
मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती ने बताया कि अभी तक कोई भी सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त नहीं हो सकी है लेकिन वे आशावादी व्यक्ति हैं, उन्हें मुख्यमंत्री की बात पर पूरा विश्वास है शायद देर रात तक कोई सूचना प्राप्त हो जाये।
आज समर्थन हेतु पहुंचे स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जिन आंदोलनकारियों के संघर्ष से उत्तराखंड अस्तित्व में आया अगर उन्हें ही अपनी जायज़ माँग को लेकर धरने पर बैठना पड़े, यह स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वदेशी जागरण मंच आंदोलनकारियों के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।
वरिष्ठ आंदोलनकारी वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री फोन करें और उसके बाद भी उनके मातहम कार्रवाई को अंजाम न दें तो स्पष्ट होता है कि नौकरशाही बेलगाम है और सरकार का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है।
उपवास पर बैठने वालों में क्रांति कुकरेती, गणेश शाह ,मनोज कुमार, अम्बुज शर्मा, रामकिशन और सूर्यकांत बमराडा शामिल रहे व उनके समर्थन में बैठने वाले लोगों में श्रीमती सुशीला बलूनी, उर्मिला शर्मा, ओमी उनियाल, मुन्नी खंडूरी,जनक्रांति मोर्चा के अध्यक्ष अमित जैन,सुरेश नेगी,डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष वीरेंद्र पोखरियाल, महिपाल शाह,अजीत रावत, संजय थापा, विजयेश नवानी, जसपाल सिंह,मुकेश चौहान, सुनील शर्मा,हरदीप सिंह लक्की,प्रवीण पुरोहित,पूरण सिंह लिंगवाल, लता देवी,वीरेन्द्र सिंह रावत,धर्मानंद भट्ट, विपुल नॉटियाल,हरी सिंह महर,चंद्र किरण राणा,प्रभात डंडरियाल, प्रवेश थपलियाल,विनोद असवाल,सुरेश कुमार, कलम सिंह,वेदानन्द कोठारी, राजीव चौधरी,प्रभा तिवारी,सुरेशी रावत,चंद्र कला नौडियाल, ललित कुकरेती, सरोजिनी थपलियाल, मनौती कुकरेती,महिपाल नेगी,सरोजनी थपलियाल,सुनीता देवी आदि आंदोलनकारी मौजूद रहे।