देहरादून 8 जनवरी : स्पेक्स एवं यूकोस्ट के संयुक्त तत्वाधान में दिनाँक 3 से 7 जनवरी तक उत्तराखण्ड के दूर-दराज के क्षेत्रों अल्मोडा के सल्ट एवं पौडी के नैनीडाण्डा विकासखण्ड के विद्यार्थियों ने देहरादून के विभिन्न संस्थानों का शैक्षिक भ्रमण कर विज्ञान से संबन्धित बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया।
इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान प्रथम दिवस सभी विद्यार्थी कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुऐ भारतीय सर्वेक्षण विभाग के विभन्न शाखाओं जिसमे वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान, मानव सर्वेक्षण संस्थान एवं प्राणी सर्वेक्षण संस्थान का भ्रमण किया। जिसमे छात्र-छात्राओं नें विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों , पेड, पौधों की विभिन्न प्रजातियों के विषय में बहुत ही सरल भाषा में गहनता से जानकारी प्राप्त की। डॉ० पुरूषोत्म द्वारा सभी विद्यार्थियों को पौधों को संग्राहलय में संरक्षित करने की विधि के साथ ही साथ वहां बनी वनवाटिका में लगे विभिन्न प्रजातियों के पेड-पौधों के बारे में जानकारी दी। मानव सर्वेक्षण संस्थान में डॉ० शयोमो बोरा द्वारा उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू -कश्मीर और हिमाचल की जन जातियों समुदायों, लोक जीवन से संबन्धित संस्कृतिक, पुरातात्विक, सामाजिक परम्परा आदि के विष्लेशण से संबन्धित शोध पर आधारित जानकारी दी गई ।
प्राणी सर्वेक्षण विज्ञान संस्थान में मानव एव विभिन्न प्रजाति के जीवों के जीवाश्म से संबन्धित जानकारी ली गई समय काल परिस्थिति के परिर्वतन से प्राणी जिसमें पशु पक्षियों एवं मानव के विकास की प्रक्रिया साथ-साथ चलती हैं। जिससें की जीव जन्तुओं एवं मानव शरीर की संरचना में भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार परिर्वतन आते रहें । करोडों सालो के इन परिर्वतनो एव बदलाओं की वैज्ञानिक विधि द्वारा खोज कर निकाले गये निषर्कषो एवं दबे हुए पशु पक्षियों एवं मानव के कंकालों को सुरक्षित तरीके से संरक्षित कर संग्राहलय में रखे जाने की विधि को समझनें का प्रयास किया गया।
दूसरे दिन सभी विद्यार्थियों को झाझरा स्थित विज्ञान-धाम भ्रमण करवाया गया जिसमें इंजीनियर नीतिन कपिल द्वारा सभी विद्यार्थियों ने भौतिक विज्ञान के अनेकों सिधान्तो पर आधारित जानकारीयों से छात्र छात्राओं को अवगत करवाया गया। अगले सत्र में हिमालय गैलरी के विषय पर इं0 अंकित कंडियाल ने हिमालय से जुडी अनेकों पर्वतों की जानकारी देते हुए बताया गया कि हिमालय का उद्वम कैसे हुआ, किस प्रकार हिमालय में समय-समय पर हलचल व भूगर्भिय उथल पुथल होती रहती है, किस कारण हिमालय की ऊँचाई बढती रहती हैं और ये सबसे नई पर्वत श्रंखलायों में से है जो नेपाल, भूटान, चीन,पाकिस्तान व भारत तक फैली हुई हैं। साथ ही साथ हिमालय पर उत्पन्न होने वाली जडी-बूटी एवं वनस्पतियों तथा निवास करने वाले जीव जन्तु एवं मानव के रहन सहन, खाने पीने, पहनावे, सामाजिक संरचना एवं कृषि संबन्धित जानकारी दी गई । डा० कैलाश भ्रदवाज द्वारा 3-डी के विकास व तकनीकि की जानकारी को बहुत ही सरलतम तरीके से समझाया गया ।
तीसरे व चौथे दिन सुवरोतो बैनर्जी द्वारा विद्यार्थियों को विश्रान्ति रिर्जोट का भ्रमण करवाया गया तथा सभी पक्षीयों के नाम व कहाँ से लाये गये उनकी जानकारी दी गई । नीरज उनियाल ने कण्डौली स्थित स्पेक्स कार्यलय का भ्रमण करवाया गया जिसमें अशोक कुमार द्वारा विद्यार्थियों ने ई-कचरा सेन्टर की कार्य प्रणाली के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।कु० चन्द्रा द्वारा भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौधेगिकि विभाग के सौजन्य से स्थापित स्पेक्स लैब में सभी विद्यार्थियों को भ्रमण करवाया तथा लैब में रखे उपकरणो के विषय में जानकारी दी गई । राहुल मौर्या द्वारा बेकार के सामान से बने वैज्ञानिक सिद्वान्तों पर आधारित उपकरणों को बनाने व सिद्वान्तों बताने का प्रयास किया । रामतीरथ मौर्या द्वारा बैम्बू -लैम्प, ट्युब लाईट, झालर एव बल्ब बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया ।
पांचवे व अंतिम दिन सभी विद्यार्थियों ने अपने भ्रमण के अनुभवों को संस्था सचिव डा० बृज मोहन शर्मा व स्पेक्स के सभी सदस्यों के साथ एक न्यूज लेटर के रुप में साझा किये । डा० बृज मोहन शर्मा द्वारा अपने सम्बोधन में आये हुए सभी बच्चों को कि प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस तरह से सभी बच्चों ने बेहद अनुशासित तरीके भ्रमण के दौरान बताई गई बातों को समझने व उसे सीखने का प्रयास किया उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। अंत में उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि भ्रमण में सीखी हुई सभी बातें उनके भविष्य में बहुत काम आयेंगी।