गोपेश्वर, चमोली जिले के गैरसैंण विकासखंड के मटकोट गांव में बीते एक माह से अज्ञात बीमारी (सिरदर्द, बुखार, कमजोरी) को लेकर ग्रामीण दहशत में हैं। बताया जा रहा हैै कि गांव में अब तक बीमारी से ग्रसित छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक बीमार श्रीनगर और हल्द्वानी के अस्पतालों में भर्ती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि चिकित्सा विभाग बीमारी की गंभीरता को नजरअंदाज कर रहा है। वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों में संक्रामक बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं, शिविरों के माध्यम से उपचार किया जा रहा है।
गैरसैंण विकासखंड मुख्यालय से मात्र दस किमी दूरी पर स्थित मटकोट गांव में बीते एक माह से सन्नाटा पसरा है। ज्यादातर परिवारों में बीमारी के चलते बच्चे, युवा और बुजुर्ग बिस्तर पर पड़े हैं। गांव के संपन्न परिवार अपने परिजनों का उपचार बेस अस्पताल श्रीनगर और हल्द्वानी में करवा रहे हैं, लेकिन गरीब परिवार गैरसैंण अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद चिकित्सक और दवाइयों की कमी बनी हुई है। बीते माह में गांव में अज्ञात बीमारी से पीड़ित ज्वाला सिंह, मेहरबान सिंह, पारी देवी, विमला देवी, डुमली देवी सहित छह लोगों की मौत हो गई, जबकि धर्मा देवी हल्द्वानी बेस चिकित्सालय के आइसीयू में भर्ती है। बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह गैर जिम्मेदार नजर आ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि दो हफ्ते पहले गांव में लगाए गए शिविर में कोई चिकित्सक मौजूद नहीं रहा, जबकि शनिवार को लगाया गया शिविर भी खानापूर्ति साबित हुआ। गांव से एक किमी दूर सड़क पर लगाए शिविर में ना ही किसी प्रकार की जांच की व्यवस्था थी और न ही कोई विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहा। वर्तमान समय में 500 आबादी वाले गांव में 150 से अधिक बीमार बताए जा रहे हैं, जिन्हें उच्चस्तरीय उपचार की जरूरत है।