टिहरी। सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर प्रबंध समिति को भंग कर दिया गया है। लेकिन बैठक में कुछ लोगों की ओर से अध्यक्ष पद के दावेदारों पर आपसी सहमति न बन पाने के कारण नई कार्यकारणी का गठन नहीं हो पाया।
मां सुरकंडा मंदिर परिसर में सुरकंडा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने आठ साल बाद मंदिर समिति की पुरानी कार्यकारणी को भंग करने के बाद नई कार्यकारणी गठन की घोषणा की। साथ ही पुनः मंदिर समिति का अध्यक्ष बनने का दावा भी पेश कर दिया। दूसरे पक्ष की तरफ की ओर से अध्यक्ष पद के लिये नया नाम के साथ समर्थन पेश किया, लेकिन आरोप है कि जितेंद्र नेगी के समर्थकों ने विवाद कर दिया। बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि जो एक बार मंदिर समिति का पदाधिकारी बन चुका है, उन्हें दोबारा पदाधिकारी नहीं बनना चाहिए।
नई कार्यकारणी गठन को लेकर काफी गहमागहमी हुई, लेकिन आपसी सहमति नहीं बन पाई। मां सुरकंडा देवी के मायके जड़धार गांव की ग्राम प्रधान प्रीति जड़धारी, पूर्व प्रधान शिव सिंह जड़धारी तथा अन्य लोगों ने कहा कि जितेंद्र नेगी समिति भंग कर चुके हैं और नई कार्यकारणी गठन में यदि वे सहयोग नहीं करते हैं, तो जड़धार गांव के ग्रामीण स्वयं मंदिर की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। बैठक में समाज सेवी विजय जड़धारी, मंदिर समिति सचिव गिरवीर रमोला, प्रबंधक विनोद जड़धारी, कोषाध्यक्ष कलम सिंह, जीत सिंह, रामकृष्ण डबराल, सोमवारी लाल सकलानी, सुन्दर सिंह, दिनेश सिंह, मनवीर सिंह सहित भारी संख्या लोग मौजूद थे।