उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन से सब स्तब्ध हैं। उनके बेटे सुमित हृदयेश ने बताया कि उनकी मां ने रात चार बजे तक अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की फिल्म देखी थी। चार बजे उन्हें उल्टी हुई। बाद में उन्होंने अपने केयर टेकर से कहा कि वह ठीक हैं। सुबह जल्दी उठा देना। फिर वह उठ नहीं सकी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुश्री सोनिया गांधी ने कहा, “वह अपने सहयोगियों के बीच विधायी प्रक्रियाओं और प्रक्रिया के ज्ञान के साथ-साथ एक सक्षम प्रशासक के रूप में अपने प्रदर्शन के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय थीं। कांग्रेस पार्टी में उनका मूल्यवान योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
-राज्यपाल, सीएम, विधानसभा अध्यक्ष समेत विभिन्न दलों ने नेताओं ने इंदिरा के निधन पर दुख व्यक्त किया
देहरादून, उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश का रविवार को निधन हो गया। उनके निधन से उत्तराखंड में शोक की लहर छा गई। इंदिरा हृदयेश कांग्रेस संगठन की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए नई दिल्ली गई हुई थीं। वहां उत्तराखंड सदन में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। इंदिरा हृदयेश की मौत से उत्तराखंड कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश की उम्र 80 साल थी। वह उत्तराखंड की राजनीति में आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध थीं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने इंदिरा ह्रदयेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इंदिरा ह्रदयेश को श्रद्धांजलि अर्पित की
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष के बैराज स्थित कैंप कार्यालय में शोक सभा आयोजित की गई। जिसमें उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। विधानसभा अध्यक्ष ने भावुक होकर कहा कि इंदिरा का निधन उत्तराखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इंदिरा जी के निधन से उनका मन बहुत व्यथित है, उन्होंने कहा कि इंदिरा दीदी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई पदों पर सुशोभित होकर अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा से पालन किया है।श्री अग्रवाल ने कहा कि संसदीय व विधायिका की ज्ञाता इंदिरा जी ने उन्हें सदन में हमेशा प्रेरित किया है।श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य की राजनीति में उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके सरल एवं सौम्य स्वभाव से सभी दलों के नेता उन्हें पूरा सम्मान देते थे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि उन्हें सदा उनसे बड़ी बहन जैसी आत्मीयता मिली।उन्होंने कहा कि विधानसभा के भीतर नेता प्रतिपक्ष के रूप में जिस प्रकार से वह जनहित के मुद्दे उठाने में सदा अग्रणी रही उसी प्रकार कैबिनेट मंत्री रहते हुए भी उन्होंने प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई।विधानसभा अध्यक्ष ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके शोक संतप्त परिजनों एवं उनके शुभचिंतकों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त की है। इस अवसर पर ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, वीर भद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी, श्यामपुर मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, देवेंद्र नेगी, रवींद्र राणा, रवि शर्मा, नगर निगम पार्षद सुंदरी कंडवाल, सुमित पवार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
इंदिरा ह्रदयेश ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत उत्तर प्रदेश से की और उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष के रूप में समाप्त की। इंदिरा के पार्थिव शरीर को दिल्ली से हल्द्वानी लाया जा रहा है। उनकी अंत्येष्टी सोमवार को की जाएगी। कोरोना संक्रमण के बाद से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य व सीएम तीरथ सिंह रावत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और उत्तराखण्ड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। राज्यपाल ने कहा कि महिला राजनेता के रूप में उत्तराखंड राज्य और अपने कार्यकर्ताओं के बीच विशेष पहचान बनायी, जिसके लिए वह हमेशा स्मरण की जायेंगी।
विधानसभा की मर्मज्ञ थी डॉ. इंदिरा हृदयेशः महाराज
प्रदेश के पर्यटन सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदेश के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। पर्यटन सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के दिवंगत होने का समाचार पाकर हम सब स्तब्ध हैं। उनके निधन से प्रदेश में राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।
श्री महाराज ने कहा कि पिछले चार दशक से यूपी से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बड़े नेताओं में शुमार रही डॉ. इंदिरा हृदयेश विधानसभा की मर्मज्ञ थी। उन्हें बड़ा राजनीतिक अनुभव प्राप्त था। वह सदैव हमारा मार्गदर्शन करने के साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित करती थीं। आज उनका अभाव हम सबके हृदय में खटक रहा है। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें।
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से पार्टी को नुकसान पहुंचा है जिसकी भरपाई करना आसान नहीं हो पाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित पूर्व विधायकों ने भी डॉ. हृदयेश के निधन पर गहर दुख व्यक्त किया है। सांसद अनिल बलूनी ने भी डॉ. इंदिरा हृदयेश को श्रद्धांजलि दी है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी डॉ. हृदयेश के निधन पर दुख व्यक्त किया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने इंदिरा के निधन को सम्पूर्ण प्रदेश-समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया। कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने इंदिरा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के समय से राजनीति में डॉ. इंदिरा के अनुभवों का लाभ मिलता रहा है, आज उनके असमय चले जाने से प्रदेश को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई असंभव है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और नेता प्रतिपक्ष डॉ इन्दिरा हृदयेश का निधन राज्य की बड़ी क्षति है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ हृदयेश के उत्त्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड के राजनैतिक सफर में उनसे एक सीख मिली कि एक सकारात्मक राजनीति कैसे की जाती है।