देहरादून,24 मार्च : पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। धामी के साथ आठ मंत्रियों को भी राज्यपाल ने शपथ दिलाई। इसमें सतपाल महाराज, प्रेम चंद्र अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, चंदन राम दास और सौरभ बहुगुणा शामिल हैं। नई कैबिनेट में पुराने और नए चेहरों का मिश्रण किया गया है। इसमें धामी के पुराने मंत्रिमंडल के पांच मंत्रियों को फिर से जगह मिली है। वहीं, पिछली विधानसभा के अध्यक्ष रहे प्रेमचंद्र अग्रवाल को भी धामी कैबिनेट में शामिल किया गया है। नए चेहरों के रूप में सौरभ बहुगुणा और चंदन राम दास को भी इस कैबिनेट में शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट में सबसे युवा व सबसे नया चेहरा है सौरभ बहुगुणा का। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सियासत में बहुगुणा परिवार का काफी दबदबा रहा है। सौरभ के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा 1973 में उत्तर प्रदेश के और पिता विजय बहुगुणा 2012 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके है।

43 साल के सौरभ बहुगुणा के मंत्री पद की शपथ लेने के अगले दिन सबसे पहले अपने दादा हेमवती नंदन बहुगुणा जिनका इस देश के दिग्गज नेताओं में भी शुमार रहा है की प्रतिमा में पर माल्यार्पण किया। उसके पश्चात उन्होंने घंटाघर स्थित पर्वतीय गाँधी कहे जाने वाले स्व0 इंद्रमणि बड़ोनी की प्रतिमा में भी माल्यार्पण किया । इसके पश्चात वह अपने कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे जहां आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने अपने साथियों ने गर्म जोशी के साथ उनका स्वागत किया। उसके बाद उत्तराखंड के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुऐ उन्होंने वहां उपस्थित जन समूह के साथ अपने विचार साझा किए। जिसका सभी लोगों ने तहे दिल से स्वागत किया।

अपने विचारों में उन्होंने क्या कुछ कहा जानने के लिए यह वीडियो देखें।

उनके सरल एवं सौम्य स्वभाव को देखते हुए कहीं से भी यह महसूस नहीं होता कि यह 7.83 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। इसमें 3.73 करोड़ रुपये की चल और 4.12 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। सौरभ ने एलएलबी की पढ़ाई मध्य प्रदेश के एपीएस यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है। अब वह अपने कौशल से अपनी इस पारिवारिक विरासत को कितनी ऊंचाइयों तक ले जा पाते हैं, आम जन-मानस में इस बात की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। इसका मुख्य कारण उनके दादा हेमवती नंदन बहुगुणा की वह निर्विवाद व् बेदाग़ छवि है जिसकी स्मृति आज भी लोगों के मन मष्तिष्क में विध्यमान है और उन्हीं का अक्स लोग उन पर तलाश रहें हैं। इस अवसर पर उनके साथ प्रमुख रूप से शेरे-उत्तराखंड विवेक खंडूरी, उत्तराखण्ड की आक्रामक आवाज रविंद्र जुगरान, कुशल रणनीतिकार व् वैचारिक हस्तक्षेप के स्तंभ आशीष उनियाल, अम्बुज शर्मा, धर्मपाल रावत, अरुण चमोली, आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, गौरव खंडूरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक वर्मा, संजय शर्मा आदि लोग मौजूद थे।

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