रहे न रहे हम, महका करेंगे बन के ….

हिंदी/गढ़वाली की सुविख्यात साहित्यकार वीणापाणि जोशी जो कि लंबे समय से बीमार चल रही थी ने कल शुक्रवार को सुबह आठ बजे कोरोनेशन अस्तपताल में 83 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वीणापाणी जोशी के निधन को साहित्यकारों ने अपूर्णीय क्षति बताया। उनकी अंतिम यात्रा आज दिनांक 7 मार्च को सुबह उनके आवास 26/7 इंदर रोड देहरादून से निकलेगी। अंतिम दर्शनों के लिए उनका पार्थिव शरीर आवास पर ही रखा गया है।उनके परिवार में उनके पुत्र अविनाश,अमिताभ,आलोक एवं पुत्री नीना एवं वंदना है।मदन मोहन ढुकलान,रविन्द्र कोटनाला, कुलानन्द घनशाला, डा0 सुनील कैंथोला,जितेंद्र नेगी,रविन्द्र जुगरान,अम्बुज शर्मा,जनकवि डा.अतुल शर्मा,प्रदीप कुकरेती,रामलाल खंडूरी, रमाकांत बेंजवाल, नंदकिशोर हटवाल, मुकेश नौटियाल, हेमंत जुयाल, बलराज नेगी, समय साक्ष्य की रानू बिष्ट आदि ने भी उनके निधन पर दुख प्रगट किया।

अखिल गढ़वाल सभा ने साहित्यकार वीणा पाणी जोशी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। सभा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष रह चुकी वीणा पाणी के निधन की भरपाई करना कठिन है। सभा महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि वीणापाणी का मधुर, मिलनसार स्वभाव उन्हे अन्य साहित्यकारों से अलग करता था। सभा के संस्कृति सचिव ने कहा कि गढवाल सभा के सदस्यों की मार्गदर्शक रह चुकी वीणापाणी के निधन से पूरा गढ़वाल सभा परिवार शोकाकुल है.

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