पति हुए बीमार तो डबल MA, LLB कर चुकी रेखा ने थामी स्‍टीयिरिंग

बागेश्वर, 28 मार्च : परिस्थितियां इंसान को योद्धा बना देती हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह ज़िंदगी ने रेखा लोहनी पांडे को हालातों से लड़ने वाली एक लड़ाका बना दिया। रेखा ने ना केवल अपनी मेहनत से अपने घर के बिगड़ते हालात संभाले, बल्कि वह अब उत्‍तराखंड की स्‍टार भी बन चुकी हैं। उनकी चर्चा अब राज्य के बड़े मंत्रीगण कर रहे हैं। परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने भी फोन कर उनकी तारीफ करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

रेखा लोहनी पांडे उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर से रेखा ने समाज की रवायतों को तोड़ बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक तरफ जहां महिलाओं को ड्राइविंग जैसे क्षेत्र में बहुत कम आंका जाता वहीं रेखा उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर बनी हैं। बड़ी बात ये है कि रेखा उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुकी हैं, इसके बावजूद उन्हें ड्राइवर बनने में कोई शर्म महसूस नहीं की। वकालत की पढ़ाई कर चुकी रेखा को अपने हालातों के कारण टैक्सी ड्राइवर बनना पड़ा।

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के भेटा की रहने वाली रेखा लोहनी पांडे का ससुराल अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में है। उन्हें रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चलाते हुए दो महीने हो गए हैं। अपना परिवार पालने के लिए रेखा ने टैक्‍सी का स्‍टीयरिंग थाम लिया और उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर बन गईं। दरअसल, रेखा की ज़िंदगी में ये मोड़ तब आया जब उनके पति की अचानक तबीयत खराब हो गई। रेखा के पति मुकेश चंद्र पांडेय फौज से रिटायर हो चुके हैं। पति की सेहत खराब होने के बाद परिवार की जिम्मेदारी रेखा ने अपने कंधों पर उठा ली।