यह हैं महाराष्ट्र के इकलौते वामपंथी विधायक विनोद निकोले (दाएं )। विधायकों की छपन छुपाई, पकड़ धकड़ और लुका छुपी के बीच न तो इन्हें कहीं होटल में छुपाया जा सकता है, न खरीदा जा सकता, न बेचा जा सकता । वह यथावत अपनी जनता के बीच सक्रिय हैं । निम्न वर्गीय सीमांत कृषक हैं । अभावों में जीते हैं,पर बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं ।
सत्ता लोभी पार्टियों, ख़ास कर कांग्रेस और भाजपा के निशाने पर केजरीवाल अथवा वामपंथी राजनेता इसी लिए सतत रहते हैं, क्योंकि वे अपनी सहज सादगी के कारण इनके लिए शाश्वत चुनौती हैं । वे राहुल गांधी की तरह न तो 5 साल में 1 बार गरीब की झोम्पडी में सोने का ड्रामा करते हैं, न दस्ताने पहन कर स्वच्छकारों के पांव धुलने का पाषंड ।
जयपुर में रिपोर्टर रहते मेरे पास कम्युनिस्ट पार्टियों की बीट थी । मैं अक्सर इकलौते मार्क्सवादी विधायक अमराराम के बंगले पर जाता था । विधायक बनने से पहले वह बस कंडक्टर था, और अब भी आदतन कंडक्टर वाला चमड़े का बैग लटकाए फिरता था ।सीनियर होने की वजह से उसे फ्लेट की बजाय बंगला आवंटित था । वह बंगले की बरसाती में रहता था, और उसकी कोठी में पार्टी का दफ्तर चलता था । उसकी पूरी तनख्वाह पार्टी को जाती थी । पार्टी उसमे से थोड़ा बहुत उसे निर्वाह व्यय देती थी । वह दोपहर को मेरी प्रतीक्षा करता क्योंकि मैं चटपटी दाल फ्राई और तरकारी होटल से मंगवा कर खुद भी खाता और उसे भी खिलाता । पार्टी द्वारा उसे दी जाने वाली तनख्वाह मुझसे एक चौथाई थी ।
मेरे बचपन की याद ।
टिहरी जिले में कम्युनिस्टों का प्रकोप बढ़ रहा था । इनसे भयभीत कांग्रेसी कहते थे कि इनका राज आया, तो सबको मेंढक और छिपकली जबरन खानी पड़ेगी । चीन का राज आ जायेगा । कौम का नष्ट हो जाएगा । इसी लिए इन्हें कौम नष्ट कहते हैं ।
बाद को मेरे मामा विद्यासागर नौटियाल कम्युनिस्ट विधायक बने । वह फ्रीडम फाइटर थे पर विधायक रहते अपनी पेंशन न लगवा सके । बहुत बाद में एनडी तिवारी से कह कर किशोर उपाध्याय ने उनकी पेंशन लगवाई । कांग्रेस के कई विधायक-सांसदों ने अपने भाई भतीजों की फ़र्ज़ी स्वतंत्रता सेनानी पेंशन लगवाई । उनके पास एक साइकिल थी । विधायक रहते वह शाम को उस साइकिल पर आटा तथा सब्ज़ी लाते । लम्बी यात्रा बस से करते थे ।
भारत पर चीन का आक्रमण होने पर वह चीन के विरोध में एक सभा को सम्बोधित करने जा रहे थे, कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया । तीन साल ज़ेल में रखा । कांग्रेसियों का कहना था कि वह चीन के एजेंट हैं । वह शुद्ध शाकाहारी थे । वह प्रतिदिन पूजा करते और छापतिलक भी लगाते थे । लेकिन जनसंघी कहते थे कि यह रूस समर्थक इसाई है ।
जब तक भारत की जनता भाजपा और कांग्रेस की गुलाम बनी रहेगी, तब तक ये दोनों पूंजीपतियों द्वारा पोषित पार्टियां बारी-बारी से देश को बेचती रहेंगी ।
साभार : राजीव नयन बहुगुणा